रैगिंग को रोकने के लिए जादवपुर विश्वविद्यालय ने उठाये जरूरी कदम

  • प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए अलग छात्रावास, जादवपुर विश्वविद्यालय में कड़ी सुरक्षा

कोलकाता। जादवपुर विश्वविद्यालय में रैगिंग को रोकने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से जरूरी कदम उठाए गए हैं। जादवपुर विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष के नये छात्र आये लेकिन अतीत को कोई नहीं भूला है। वह प्रथा आज भी कई विद्यार्थियों के बीच प्रचलित है।

एक साल पहले एक छात्र उच्च शिक्षा का सपना लेकर नदिया से जादवपुर विश्वविद्यालय आया था। लेकिन रैगिंग के कारण उनकी जान चली गई थी। इस माहौल में, विश्वविद्यालय प्रबंधन ने नए छात्रों का आत्मविश्वास बहाल करने और यह संदेश देने के लिए कि माहौल बदल गया है, प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए स्वतंत्र छात्र आवास का निर्माण पूरा कर लिया है।

दरअसल, यूजीसी ने सिफारिश की कि कि जादवपुर विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए अलग छात्रावास होना चाहिए। एक साल पहले विश्वविद्यालय मुख्य छात्रावास में रैगिंग के कारण नदिया के छात्र की मौत हो गयी थी। इस घटना से जादवपुर यूनिवर्सिटी की छवि पर सवाल खड़े हो गए हैं। उस घटना से सीख लेते हुए अब अलग छात्रावास की व्यवस्था की गयी है।

जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के अलग छात्रावास में सीसीटीवी से लेकर सुरक्षा गार्ड तक सब कुछ लगाया गया है। इस संबंध में डीन रजत रॉय ने कहा कि 2024 में स्नातक स्तर पर दाखिला लेने वाले नए छात्रों और उनके अभिभावकों को डरने की जरूरत नहीं है।

रजत बाबू ने कहा कि पहला साल कैंपस के अंदर ओल्ड पीजी और न्यू ब्लॉक हॉस्टल में होगा। ओल्ड पीजी में 90 छात्रों के लिए और न्यू ब्लॉक में 70 छात्रों के लिए आवास है। हॉस्टल में विशेष सुरक्षा रहती है। हॉस्टल के सुपर यहीं रहेंगे। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के शिक्षक दिगंत साहा प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए छात्रावास के वार्डन होंगे।

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