नई दिल्ली/कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में नीति आयोग की बैठक से वॉकआउट किया है। बैठक से बाहर निकलने के बाद ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि मीटिंग में उनका अपमान किया गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। वह मीटिंग में बोलना चाहती थी लेकिन उन्हें केवल 5 मिनट बोलने की अनुमति दी गई। उनसे पहले लोगों ने 10-20 मिनट तक बात की।
पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा कि वह विपक्ष की एकमात्र सदस्य थी जो मीटिंग में भाग ले रही थी लेकिन फिर भी उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी गई। यह अपमानजनक है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया, ‘मैंने बैठक में कहा कि आपको (केंद्र सरकार) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। मैं बोलना चाहती थी, लेकिन मुझे केवल पांच मिनट बोलने की अनुमति दी गई।
मुझसे पहले लोगों ने 10-20 मिनट तक बात की। विपक्ष की ओर से केवल मैं ही इस कार्यक्रम में भाग ले रही थी, लेकिन फिर भी मुझे बोलने नहीं दिया गया। यह अपमानजनक है। यह केवल बंगाल का अपमान नहीं बल्कि यह सभी क्षेत्रीय दलों का अपमान है।’
बता दें कि नीति आयोग की बैठक में शामिल होने वाले सीएम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, अरुणाचल के उपमुख्यमंत्री चौना मीन,
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साह, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा का नाम शामिल है।
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