आशा विनय सिंह बैस की कलम से : माता वैष्णो देवी यात्रा

आशा विनय सिंह बैस, नई दिल्ली। कुछ लोग गर्मियों की छुट्टियों में जम्मू की सैर करने और मां वैष्णो देवी के दर्शन करने यह सोचकर निकल पड़ते हैं कि एक पंथ दो काज हो जाएगा। माता के दर्शन भी हो जाएंगे और उत्तर भारत की प्रचंड गर्मी से छुटकारा मिल जाएगा। लेकिन वहां जाकर उन्हें पता चलता है कि जम्मू और कटरा भी उतने ही तप रहे हैं जितना कि देश के अन्य मैदानी भाग। हां, कटरा से ऊपर चढ़ने पर त्रिकूट पर्वत यानि मां वैष्णो देवी मंदिर के आसपास और मार्ग में जरूर मौसम सुहावना रहता है।

मैं अपने अनुभव से कहता हूं कि मां वैष्णो देवी की यात्रा के लिए जाते समय निम्नलिखित बातें अपने दिमाग में अवश्य रखनी चाहिए –
1. बरसात के मौसम में और अत्यंत ठंडी में संभव हो तो यात्रा टाल दें।
2. गर्भवती महिलाएं, दुधमुंहे बच्चों वाली महिलाएं भी संभव हो तो यात्रा टाल दें।
3. अगर जम्मू-कश्मीर के अन्य जगहों पर भी घूमने की योजना है तो ऐसा आप यात्रा से पहले कर लें क्योंकि यात्रा के बाद पैरों में क्रेम्प आना, पेट खराब होना, बुखार आना आदि आम समस्याएं हैं।
4. रास्ते के लिए आरामदायक, ढीले ढाले, सूती वस्त्र पहनें।

5. पैरों में स्पोर्ट्स शू या सॉफ्ट लेकिन मजबूत चप्पल पहनें।
6. यात्रा से पहले और यात्रा के दौरान बहुत हल्का भोजन करें। पेट भरकर तो कदापि नहीं।
7. रास्ते मे शुद्ध पेयजल लिखे हुए तमाम वाटर डिस्पेंसर लगे जरूर हुए हैं लेकिन उनका पानी शुद्ध नहीं है। वह आपका स्वास्थ्य खराब कर सकता है। इसलिए ब्रांडेड बोतलबंद पानी ही पियें।
8. भोजन करना हो, कुछ खरीदना हो तो अच्छी, ब्रांडेड दुकान से ही लें। वह एमआरपी से अधिक पैसा नहीं लेगा, साथ ही गुणवत्ता भी ठीक रहेगी।

9. परिवार के साथ हैं या मित्रों के साथ ग्रुप में हैं तो एक साथ चलने का प्रयास करें। अगर दो पोस्टपेड सिम/मोबाइल नहीं है तो भूल कर भी एक दूसरे से अलग न हो।
10. परिवार, ग्रुप के कुछ सदस्य सीढ़ी से और कुछ सदस्य सड़क मार्ग से न जाएं। सभी एक ही रास्ते से जाएं। कोई इमरजेंसी पड़ने पर यह भूल भारी पड़ेगी।
11. अगर स्वस्थ हैं तो कोशिश करें कि पिट्ठू, पालकी, घोड़ा आदि का प्रयोग न करें। ‘जय माता दी’ बोलकर चल देंगे 14 किलोमीटर यूँ ही निकल जाएंगे।
12. वैष्णो देवी यात्रा मार्ग में कभी भी बारिश हो सकती है। इसके लिए तैयार रहें। साथ मे एक छोटा छाता भी रख सकते हैं।

13. खाने पीने का अधिक सामान या अधिक कपड़े लेकर ऊपर न जाएं। जितना कम वजन आपके साथ होगा, आपकी यात्रा उतनी ही आरामदायक और आनंददायक होगी।
14. रास्ते में सांझी छत पर मिलने वाले माता के प्रसाद को जरुर ग्रहण करें।
15. अर्ध कुमारी, सांझी छत और भवन के पास नि:शुल्क अस्पताल उपलब्ध हैं। जरूरत पड़ने पर उनकी सेवाएं अवश्य लें।
16. यह ध्यान रखें की माता मंदिर में पिंडी स्वरूप में है। इसलिए वहां जाते समय अपना ध्यान पिंडियों पर केंद्रित रखें।

17. माता के भवन से भैरों बाबा जाने के लिए रोपवे की सुविधा मात्रा 100 रुपये में उपलब्ध है। यह अलग तरह का अनुभव है। इसका आनंद जरूर लें।
18. माता वैष्णो देवी के दर्शन करना यात्रा का मुख्य उद्देश्य है लेकिन रास्ते में जगह-जगह रुक कर प्रकृति की सुंदरता का, पहाड़ों के सौंदर्य का, सिर के ऊपर मंडराते बादलों का सौंदर्य देखना न भूले।
19. अर्धकुमारी से ऊपर जाने और भैरों बाबा से सांझी छत तक नीचे आने के दो मार्ग हैं। प्रयास करें कि एक मार्ग से चढ़ें तो दूसरे से उतरें। इससे दोनों मार्ग का सौंदर्य आप देख पाएंगे।

Last but not the least
20. दर्शन करके वापस आते समय मेरी तरह बाणगंगा के पास मात्र 30/-रुपये में फुल बॉडी मसाज जरूर कराएं। इससे थकावट तो बिल्कुल नहीं मिटती, पर अमीरों वाली फीलिंग जरूर आ जाती है। जय माता दी।

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