नयी दिल्ली : हर्षित राणा को जब पहली बार भारतीय वनडे टीम में शामिल करने की खबर पता चली जिसमें विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज मौजूद हैं तो उनके मुंह से यही शब्द निकले, ‘दिल्ली में दिल टूट सकता है, पर हमने कभी हौसला नहीं हारा’।
दिल्ली के ‘साउथ एक्सटेंशन’ के 22 वर्षीय तेज गेंदबाज हषित ने जूनियर स्तर से ही कड़ी मेहनत की लेकिन अकसर नजरअंदाज कर दिए जाते। पर कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के इस आईपीएल सत्र में विजयी अभियान में 19 विकेट लेने से वह राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने में सफल रहे।
हर्षित ने कहा, ”मैं कड़ी मेहनत करने में विश्वास करता हूं लेकिन जब भी आयु ग्रुप की टीम में मेरी अनदेखी होती तो मेरा दिल टूट जाता और मैं अपने कमरे में बैठकर रोता था। मेरे पिता प्रदीप ने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी। ”
”अगर मुझे अभी तक की मेहनत के लिए तीन लोगों का नाम लेना हो तो इसमें मेरे पिता, मेरे निजी कोच अमित भंडारी सर (पूर्व भारतीय और दिल्ली के तेज गेंदबाज) और गौती भैया (गौतम गंभीर) शामिल हैं। ”
हर्षित ने कहा, ”अगर खेल के प्रति मेरा नजरिया बदला है तो इसका लेना देना बहुत कुछ केकेआर ड्रेसिंग रूम में गौती भैया की मौजूदगी से है जिन्होंने मेरी मानसिकता को बदल दिया। शीर्ष स्तर पर आपको कौशल चाहिए होता है लेकिन हुनर से ज्यादा आपको दबाव से निपटने के लिए दिल की आवश्यकता होती है। ”
उन्होंने नए भारतीय मुख्य कोच के साथ अपनी बातचीत को याद करते हुए कहा, ”गौती भैया हमेशा मुझसे कहते ‘मेरे को तेरे पे ट्रस्ट है। तू मैच जीत के आयेगा’।”
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