कोलकाता : बम का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में दहशत का भाव आ जाता है, क्योंकि बम से हमेशा विनाश ही होता है लेकिन हम आपको एक ऐसे बम के बारे में बताने जा रहे हैं, जो विनाश ने बल्कि विकास के काम आता है।
जी हां, पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले के सुसुनिया पहाड़ियों में बीज बम लगाया जा रहा है। मृत पड़ी भूमि को फिर से जीवंत करने के लिए वहां बमबारी की जा रही है। बंजर भूमि को जीवंत करने और जंगलों में निवास करने वाले जानवरों और पशु पक्षियों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए यह कार्य किया जा रहा है।
बता दें कि पारंपरिक पौधारोपण के विपरीत, ‘बीज-बमबारी’ को हाथी-प्रवण क्षेत्रों में वनरोपण की एक लागत प्रभावी और परिणाम उन्मुख विधि माना जाता है। पश्चिम बंगाल का अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता के कारण यह पर्यटकों का पसंदीदा पर्यटन स्थल है लेकिन पहाड़ के कुछ हिस्से ऐसे हैं, जहां पर आना-जाना संभव नहीं हो पता है।
काफी संकरा होने के कारण वन विभाग के द्वारा पहाड़ी के ढलनों पर बीज बम गिराया जाता है। पिछले वर्ष भी वन विभाग के द्वारा बीज बम गिराए गए थे, जिससे वन विभाग को अविश्वसनीय सफलता मिली थी।
छतना वन क्षेत्र पदाधिकारी ईशा बोस ने बताया कि इस वर्ष पहाड़ी क्षेत्र के विस्तृत इलाके में करीब 1000 बीज बम फैलाए जा रहे हैं। शिशु, बामला, बोट, चतरा, शुआबुल, शिरीष समेत कई पौधों के बीज को विशेष तरीके से मिट्टी के गोले के रूप में तैयार किया जाता है,जिससे पहाड़ी के उबड़-खाबड़ हिस्सों में आसानी से गिराकर लगया जा सकता हैं।
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