रथ यात्रा: रथ खींचने की परंपरा शाम चार बजे शुरू होगी

पुरी : गुंडिचा मंदिर से 12वीं सदी के मंदिर तक भगवान जगन्नाथ की ‘बहुड़ा यात्रा’ या वापसी उत्सव सोमवार को आयोजित किया जाएगा। मंदिर के कार्यक्रम के अनुसार, देवताओं- भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा, भगवान जगन्नाथ और चक्रराज सुदर्शन- की पहांदी या औपचारिक शोभायात्रा दोपहर में शुरू होगी और शाम चार बजे रथ खींचने की परंपरा शुरू होगी।

पहांदी के समापन के बाद, पुरी के राजा गजपति महाराजा दिव्यसिंह देव ‘छेरा पहरा’ की रस्म निभाएंगे। इस अनुष्ठान में, पुरी के राजा चांदी के झाड़ू से रथों के आसपास सफाई करेंगे। मंदिर प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि ‘छेरा पहरा’ के बाद श्रद्धालु रथ खींचने की परंपरा में भाग लेंगे।

ओडिशा पुलिस ने बहुड़ा यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने तथा भीड़ के प्रबंधन के लिए 180 पलटन (एक पलटन में 30 जवान होते हैं) और 1,000 अधिकारी तैनात किए हैं।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) संजय कुमार ने बताया कि बहुड़ा यात्रा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पूरा शहर सीसीटीवी की निगरानी में है।

इस महोत्सव में लगभग पांच लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान है। सात जुलाई को रथ यात्रा में भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा, भगवान जगन्नाथ और चक्रराज सुदर्शन 12वीं सदी में निर्मित जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर गए थे।

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