तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : एक समय इस राजमहल से आसपास के इलाके का लगान वसूला जाता था। इस वंश के जमींदारों ने सैकड़ों वर्षों तक शासन किया। उन दिनों जमींदारों को राजा कहा जाता था। शिक्षा, साहित्य, बैंकिंग और स्वतंत्रता आंदोलन में प्रहराज गृहों की भूमिका निर्विवाद है।
इस बड़े जमींदार परिवार को ‘राज परिवार’ के नाम से जाना जाने लगा। वर्तमान राजबाड़ी के आसपास ही राजबाड़ी का इतिहास छिपा हुआ है।
यह परिवार एक घंटे में घोड़ों पर सवार होकर जितने क्षेत्र का विचरण संभव हो, उतने क्षेत्र की कर वसूली और देख रेख यह परिवार कर सकता था। इसलिए ‘प्रहराज’ की उपाधि मिली।
लोग बताते हैँ कि संस्थापक, निमाई चंद महापात्रा ने शुरू में एक मिट्टी के घर से शासन किया। राजा कृष्णचंद्र प्रहराज महापात्र के शासनकाल में शिक्षा का विकास हुआ। पास के डुलुंग नदी के तट पर ब्याघ्रेश्वर मंदिर इसी परिवार के शासनकाल के दौरान बनाया गया था।
राजपरिवार के अंदर राधाकृष्ण का मंदिर है। हालाँकि अब कोई राज शासन तो नहीं है,लेकिन परिवार हर साल जन्माष्टमी, राधाष्टमी, रास पूर्णिमा, रथ यात्रा, दुर्गोत्सव जैसे विभिन्न सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करता है।
यह प्रहराज राजबाड़ी झाड़ग्राम जिले के बेलियाबेड़ा थाना अंतर्गत बेलियाबेड़ा बाजार में स्थित है। प्राचीन वास्तुकला के रूप में सिंहद्वार, चुन्सुर्की द्वारा निर्मित प्रसादोपम महल, मंदिर, दुर्गा भवन, रथ और उस समय के राजाओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले विभिन्न हथियार, फर्नीचर, संगीत वाद्ययंत्र आज भी मौजूद हैं।
वहीं मेदिनीपुर शहर के रहने वाले डॉक्यूमेंट्री लेखक निसर्ग निरयास महतो और खड़गपुर शहर के रहने वाले निर्देशक सुनील विश्वास ने इस महल के इतिहास पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने की पहल की।बेलियाबेड़ा कृष्णचंद्र मेमोरियल हाई स्कूल के सहायक प्राचार्य ‘शिक्षारत्न’ सुब्रत महापात्रा उनकी मदद के लिए आगे आए।
वृत्तचित्र में प्रहराज परिवार के सदस्य – रंजीत नारायण दास प्रहराज महापात्र, सुरजीत नारायण दास प्रहराज महापात्र, सोमा आचार्य, विश्वजीत दास प्रहराज महापात्र, राजबाड़ी पुजारी विद्युत घोषाल शामिल हैं। इसमें शिक्षक सुब्रत महापात्रा, नरसिंह दास, ब्यूटीशियन रंजीता बिस्वास भी हैं।
इसकी पटकथा निसर्ग निर्णय महतो ने लिखी है। यह लघु वृत्तचित्र शाही परिवार के इतिहास की पड़ताल करता है। हाल ही में इस डॉक्यूमेंट्री को शाही परिवार के लिविंग रूम में आधिकारिक तौर पर रिलीज किया गया।
औपचारिक उद्घाटन गोपीवल्लभपुर-2 ब्लॉक सामूहिक विकास पदाधिकारी नीलोत्पल चक्रवर्ती, संयुक्त सामूहिक विकास पदाधिकारी राजीव मुर्मू, पदाधिकारी करुणा सिंधु मन्ना ने किया।
बेलियाबेड़ा पुलिस थाने के ओसी सुदीप पालोधी ने डॉक्यूमेंट्री के रिलीज के लिए बधाई संदेश भेजा है। शाही परिवार के इतिहास पर बनी डॉक्युमेंट्री के रिलीज होने से राजपरिवार के सदस्य और अधिकारी बेहद खुश हैं।
नीलोत्पल चक्रवर्ती ने कहा- ‘इस ऐतिहासिक महल के बारे में यह डॉक्यूमेंट्री जनता के बीच इस महल के महत्व और इतिहास के प्रति रुचि बढ़ाएगी। आने वाले दिनों में इस महल के चारों ओर एक पर्यटन केंद्र बनाया जाएगा।
निसर्ग निर्णय महतो और संजीव विश्वास ने कहा- ‘प्रहराज राजबाड़ी के निर्माण का प्रारंभिक इतिहास पहले एपिसोड में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इस महल का इतिहास आने वाले दिनों में दो और एपिसोड में पेश किया जाएगा।
सुब्रत महापात्र ने कहा- ‘प्रहराज राजबाड़ी के साथ मेरा पुराना रिश्ता है। इस महल के महत्व और स्थिति को देखते हुए इसे ‘धरोहर’ घोषित किया जाना बहुत जरूरी है। मैं इस मामले में हर तरह से मदद करूंगा। इस दिन, सुब्रत, नरसिम्हा, सुनील और निसर्ग को शाही परिवार द्वारा सम्मानित किया गया।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च कर, फॉलो करें।