तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिले की सामाजिक संस्था ‘ अपराजेय का तीसरा स्थापना दिवस समारोह “लायंस क्लब ऑफ मिदनापुर” सभागार में रवीन्द्र-नजरुल स्मरण समारोह और अपराजेय सम्मान-2024 पुरस्कार समारोह के आयोजन के साथ सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत उपस्थित अतिथियों की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलन एवं रवीन्द्र-नजरुल के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि के साथ हुई। संस्था की ओर से संस्था के अध्यक्ष चिततोष पायरा ने कार्यक्रम में सभी का स्वागत किया।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में प्रख्यात चिकित्सक डॉ. मंगलप्रसाद मल्लिक, दो प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और “अामारकर भाषा, अामारकर गोर्ब ” के दो निदेशकों में से एक विश्वजीत पाल और सुदीप कुमार खाड़ा , बाल संरक्षण कार्यकर्ता दीपक बंद्योपाध्याय, शिक्षिका रूपाली आट्य , सामाजिक कार्यकर्ता प्रसाद मंडल, शिक्षिका शुभ्रा सेनगुप्ता और अन्य उपस्थित थे।
बैठक की अध्यक्षता सलाहकार बोर्ड के सदस्य शिक्षक कंचन घारा ने की, जिसमें अपराजेय परिवार के बच्चों, विकास भारती शिशु विकास केंद्र ‘नटुन दिगंता’ के सदस्यों और बच्चों ने पाठ, संगीत और नृत्य के माध्यम से एक दिलचस्प सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
इस दिन के कार्यक्रम में विश्वजीत पाल को भाषा अभ्यास और समाज सेवा में विशेष योगदान के लिए, दीपक बनर्जी को बाल संरक्षण में विशेष योगदान के लिए और संगठन के दो सदस्यों अतनु घोष और सौमित्र पयड़ा को समाज सेवा-2024 में विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
कई हस्तियों को अपराजेय सम्मान-2024 से सम्मानित किया गया। गड़बेत्ता कॉलेज की प्रोफेसर रूपाली आट्य ने वर्तमान समय में रवीन्द्र नजरूल की प्रासंगिकता पर वक्तव्य रखा। हर शुभचिंतक अपने भाषणों और सुवचनों के माध्यम से अपराजेय की उन्नति की कामना की सांस्कृतिक व्यक्तित्व श्रीपति चक्रवर्ती ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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