9वां रायसीना डायलॉग दिल्ली 21-23 फरवरी 2024 – 100 से अधिक देश शामिल

रायसीना डायलॉग – राजनीति और भू अर्थशास्त्र पर भारत में हाई प्रोफाइल शिखर सम्मेलन
रायसीना डायलॉग- दुनियां के देशों के बीच समन्वय, विकास के लिए संभावनाएं एवं अवसरों को तलाश करने का सटीक मंच है – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया

किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर भारत कड़ी से कड़ी जोड़ता हुआ चैन बनाकर पूरी दुनियां में उपलब्धियां हासिल करता जा रहा है। अनेकों वैश्विक मंचों का आयोजन आज भारत में हो रहा है, क्योंकि दुनियां अब भारत की ताकत को रेखांकित कर रही है और जब कोई अंतरराष्ट्रीय मंच का सम्मेलन भारत में होता है तो बड़े-बड़े विकसित देशों के प्रतिनिधि और शासक भी भारत को महत्व देने, सम्मेलन में पहुंचते हैं जिसका सटीक उदाहरण हम जी-20 शिखर सम्मेलन 2023 में देख चुके हैं। बता दें कि दिनांक 19 फरवरी 2024 को भारत ने गरीबी और भुखमरी से निपटने के उद्देश्य से स्थापित एक कोष में 10 लाख अमेरिकी डॉलर का योगदान किया है जिसकी चर्चा हम नीचे करेंगे। वैसे तो इस बीच, इसके बाद भी अनेक वैश्विक मंचों के शिखर सम्मेलन भारत में हुए हैं, परंतु अब फिर भारत में 21 से 23 फरवरी 2024 को शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में हो रहा है जिसका उद्घाटन माननीय पीएम द्वारा हो रहा है और प्रमुख अतिथि ग्रीस के राष्ट्रपति हो रहे हैं, जिसमें करीब 115 देशों के शामिल होने की संभावना है। जिसकी शुरुआत 20 फरवरी 2023 को विदेश से मेहमानो का आना पहुंचना शुरू हो गया हैं जो भारत के लिए गौरव बात है। चूंकि रायसीना डायलॉग राजनीति और भू अर्थशास्त्र पर हाई प्रोफाइल स्तर पर मंथन किया जाता है। वैश्विक समस्याओं पर विचार विमर्श कर समाधान निकाले जाने की कोशिश की जाती है। इसलिए आज हम मीडियम में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, रायसीना डायलॉग से दुनियां के देशों के बीच समन्वय विकास के लिए संभावनाओं, अवसरों को तलाश करने का सटीक मंच है।

साथियों बात अगर हम 21 से 23 फरवरी 2024 को नई दिल्ली में आयोजित रायसीना डायलॉग की करें तो, विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि रायसीना डायलॉग का 9वां संस्करण 21-23 फरवरी तक आयोजित किया जारहा है। रायसीना डायलॉग भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर भारत का प्रमुख सम्मेलन है। यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने आने वाले सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों के समाधना के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम 21 फरवरी को इस संवाद का उद्घाटन करेंगे। ग्रीस के प्रधानमंत्री मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन सत्र में शामिल होंगे और मुख्य भाषण देंगे। 9वें रायसीना डायलॉग में 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि, मंत्री, पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष, सैन्य कमांडर, उद्योग के नेता, प्रौद्योगिकी नेता, शिक्षाविद, पत्रकार, रणनीतिक मामलों के विद्वान, प्रमुख थिंक टैंक और युवा विशेषज्ञ भाग लेंगे। 2024 संस्करण का विषय चतुरंगा: संघर्ष, प्रतियोगिता, सहयोग, निर्माण है। तीन दिनों के दौरान, दुनियां के निर्णय निर्माता और विचारक छह विषयगत स्तंभों पर विभिन्न प्रारूपों में बातचीत में एक-दूसरे से जुड़ेंगे। इसमें (i) टेक फ्रंटियर्स : विनियम और वास्तविकताएं; (ii) ग्रह के साथ शांति:निवेश और नवप्रवर्तन (iii) युद्ध और शांति: शस्त्रागार और विषमताएं(iv) उपनिवेशवाद से मुक्ति: बहुपक्षवाद: संस्थाएं और समावेशन; (v) 2030 के बाद का एजेंडा: लोग और प्रगति; और (vi) लोकतंत्र की रक्षा : समाज और संप्रभुता शामिल हैं।विदेश मंत्रालय ने बताया कि लगभग 115 देशों के 2500 से अधिक प्रतिभागी व्यक्तिगत रूप से इस डायलॉग में शामिल होंगे जबकि दुनिया भर में लाखों लोग विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों पर इस कार्यवाही को देखेंगे।

साथियों बात अगर हम रायसीना डायलॉग को समझने और जानने की करें तो, रायसीना डायलॉग एक कार्यक्रम है, जिसमें दुनियां के कई देशों के विदेश मंत्री हिस्सा लेते हैं। इस बैठक का आयोजन विदेश मंत्रालय और रिसर्च फाउंडेशन करता है।रायसीना डायलॉग में शामिल देश दुनियां की राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर मंथन करते हैं। इसमें विभिन्न देशों के विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री शामिल होते हैं। पहली बार रायसीना डायलॉग साल 2016 में आयोजित किया गया था। इसके बाद से अब तक 7 बार इसका आयोजन हो चुका है। फिलहाल दिल्ली में इसका 9वां संस्करण चल रहा है, जो 23 फरवरी को खत्म होगा।

क्यों पड़ा रायसीना डायलॉग नाम- दुनिया के तमाम नेताओं के जुटने और मंथन करने के इस महामंथन को रायसीना डायलॉग कहा जाता है। लेकिन सवाल उठता है कि ये नाम क्यों पड़ा? दरअसल ये बैठक विदेश मंत्रालयों की होती है और भारत का विदेश मंत्रालय का हेडक्वार्टर रायसीना पहाड़ी पर है, इसलिए इसे रायसीना डायलॉग के नाम से जाना जाता है।रायसीना डायलॉग की शुरुआत साल 2016 में हुई थी। उसके बाद से हर साल दुनियाभर के देशों के विदेश मंत्री दिल्ली में जुटते हैं और बड़े मुद्दों पर अपने विचार रखते हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, सम्मेलन वैश्विक समुदाय के सामने आने वाले गंभीर मुद्दों से निपटने के लिए समर्पित है, जिसका उद्घाटन 21 फरवरी को प्रधानमंत्री द्वारा किया जाना है। उद्घाटन सत्र में हेलेनिक गणराज्य (ग्रीस) के प्रधान मंत्री, क्यारीकोस मित्सोटाकिस की उपस्थिति होगी, जो मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य भाषण देंगे, विज्ञप्ति में कहा गया है। 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधित्व के साथ, 9वें रायसीना संवाद में मंत्रियों, पूर्व राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों, सैन्य कमांडरों, उद्योग जगत के नेताओं, प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तकों, विद्वानों और युवाओं सहित विविध प्रकार के प्रतिभागी एकत्रित होंगे। चतुरंगा: संघर्ष, प्रतियोगिता, सहयोग, निर्माण” विषय के तहत, 2024 संस्करण छह विषयगत स्तंभों में संवाद और जुड़ाव को बढ़ावा देगा। टेक फ्रंटियर्स, ग्रह के साथ शांति, युद्ध और शांति, बहुपक्षवाद को ख़त्म करना, 2030 एजेंडा, और लोकतंत्र की रक्षा करना, लगभग 115 देशों के 2500 से अधिक प्रतिनिधि व्यक्तिगत रूप से भाग लेंगे, जबकि दुनिया भर में लाखों लोग डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से कार्यवाही में शामिल होंगे।

इसके अलावा, रायसीना डायलॉग भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर भारत का प्रमुख सम्मेलन है जो वैश्विक समुदाय के सामने आने वाले सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हर साल, राजनीति, व्यापार, मीडिया और नागरिक समाज के नेता दुनिया की स्थिति पर चर्चा करने और समसामयिक मामलों की एक विस्तृत श्रृंखला पर सहयोग के अवसर तलाशने के लिए नई दिल्ली में जुटते हैं। संवाद को एक बहु-हितधारक, अंतर-क्षेत्रीय चर्चा के रूप में संरचित किया गया है, जिसमें राज्य के प्रमुख, कैबिनेट मंत्री और स्थानीय सरकारी अधिकारी शामिल हैं, जो निजी क्षेत्र, मीडिया और शिक्षा जगत के विचारकों से जुड़े हुए हैं। सम्मेलन की मेजबानी भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा की जाती है। इस प्रयास को कई संस्थानों, संगठनों और व्यक्तियों का समर्थन प्राप्त है, जो सम्मेलन के मिशन के लिए प्रतिबद्ध हैं। रायसीना डायलॉग का मुख्य उद्देश्य दुनिया के देशों के बीच समन्वय बनाए रखना और विकास के लिए संभावनाओं एवं अवसरों की तलाश करना रहता है। भारत सरकार इस कार्यक्रम के जरिए अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और मुद्दों को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करती है। ऐसे में इस कार्यक्रम के जरिए भारत सरकार अपनी कूटनीतिक क्षमता में वृद्धि कर रही है।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि 9 वां रायसीना डायलॉग दिल्ली 21-23 फरवरी 2024 – 100 से अधिक देश शामिल। रायसीना डायलॉग – राजनीति और भू अर्थशास्त्र पर भारत में हाई प्रोफाइल शिखर सम्मेलन। रायसीना डायलॉग- दुनियां के देशों के बीच समन्वय, विकास के लिए संभावनाएं एवं अवसरों को तलाश करने का सटीक मंच है।

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