8th Eastern India Microfinance Summit-2024 will be organized on 22 February

22 फरवरी को आयोजित किया जाएगा 8वां ईस्टर्न इंडिया माइक्रोफाइनेंस समिट-2024

  • 8वां पूर्वी भारत माइक्रोफाइनेंस समिट 2024 एम2आई, इक्विफैक्स, एमएफआईएन और सा-धन के सहयोग से एएमएफआई-डब्ल्यूबी द्वारा आयोजित किया जाएगा।
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  • ईस्टर्न इंडिया माइक्रोफाइनेंस समिट 2024 का विषय है “गरीबों को सशक्त बनाना: सतत विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में माइक्रोफाइनेंस”

 

कोलकाता : एसोसिएशन ऑफ माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस – पश्चिम बंगाल (एएमएफआई-डब्ल्यूबी) एम2आई, इक्विफैक्स, एमएफआईएन और सा-धन के सहयोग से ईस्टर्न इंडिया माइक्रोफाइनेंस समिट 2024 के 8वें संस्करण का आयोजन करेगा। इस वर्ष माइक्रोफाइनेंस समिट का विषय “गरीबों को सशक्त बनाना: सतत विकास के उत्प्रेरक के रूप में माइक्रोफाइनेंस” है। 8वां ईस्टर्न इंडिया माइक्रोफाइनेंस समिट-2024, 22 फरवरी 2024 को सुबह 9 बजे से विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा।

ईस्टर्न इंडिया माइक्रोफाइनेंस समिट-2024 की घोषणा करते हुए, समिट के विषय में जानकारी देने के लिए डॉ. आलोक मिश्रा, सीईओ एवं निदेशक, एमएफआईएन; श्री कुलदीप मैती, एमडी और सीईओ, वीएफएस कैपिटल लिमिटेड और सचिव, एएमएफआई-डब्ल्यूबी; श्री मनोज नांबियार, एमडी, आरोहण फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड; श्री कार्तिक विश्वास, एमडी, उत्तरायन फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड; के साथ एएमएफआई-डब्ल्यूबी के अन्य प्रतिनिधि कोलकाता प्रेस क्लब में उपस्थित थे।

इस वर्ष माइक्रोफाइनेंस समिट में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार और उत्तर पूर्वी राज्यों में एमएफआई (एनजीओ के साथ-साथ एनबीएफसी, एसएफबी, बीसी और बैंक) में काम कर रहे 400 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों के आने की उम्मीद है। शिखर सम्मेलन में पूर्वी भारत से 60 से अधिक एमएफआई संस्थाओं के आने की उम्मीद है।

समिट का उद्देश्य वित्तीय समावेशन के वर्तमान और भविष्य के पहलुओं पर चर्चा करने के लिए हितधारकों, विशेष रूप से ऋणदाताओं और निवेशकों के राष्ट्रीय और वैश्विक समुदाय को एक साथ लाना है साथ ही इसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना है कि कैसे माइक्रोफाइनेंस समाज के सतत विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

समिट में बांग्लादेश और नेपाल के प्रतिनिधि; बैंक, नियामक, रेटिंग एजेंसियां; फिनटेक, आईटी, सॉफ्टवेयर कंपनियां; बीमा कंपनी; शोधकर्ता, विद्वान और छात्र; ऊर्जा कंपनियाँ-विशेष रूप से हरित ऊर्जा प्रदाता और सामाजिक उद्यम; मोबाइल बैंकिंग/कोर बैंकिंग समाधान प्रदाता; उद्योग संघ/नेटवर्क; दाता एजेंसियां/बहुपक्षीय संस्थाएं और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां; साथ ही अन्य हितधारक भाग लेंगे।

माइक्रोफाइनेंस को व्यापक रूप से एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान देता है और उन्हें आगे बढ़ाता है। इसकी बहुआयामी भूमिकाओं में सतत विकास को बढ़ावा देने में सहायक कुछ प्रमुख पहलू शामिल हैं। वित्तीय समावेशन के माध्यम से, माइक्रोफाइनेंस पूंजी तक पहुंच का लोकतंत्रीकरण करता है, पिछड़े वर्ग में रहने वाले समुदायों को सशक्त बनाता है और आर्थिक भागीदारी को बढ़ाता है। यह गरीबी उन्मूलन में योगदान देता है, उद्यमिता और रोजगार सृजन के लिए अवसर प्रदान करता है।

माइक्रोफाइनेंस महिलाओं को वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्रदान करके लैंगिक समानता का भी समर्थन करता है। परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में, माइक्रोफाइनेंस वित्तीय सशक्तिकरण को सामाजिक सशक्तिकरण के साथ जोड़ता है, जिससे अधिक समावेशी और टिकाऊ भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो। इस वर्ष के सत्र में क्षेत्र के सामने आने वाले अधिकांश प्रासंगिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एमएफआई अभ्यासकर्ताओं, नियामकों और फंडर्स के भाग लेने की उम्मीद है।

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