लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में सरकारी बालिका गृह में 57 लड़कियों के कोरोना वायरस के मामले में प्रशासन की भारी लापरवाही सामने आई है। जानकारी के मुताबिक प्रशासन शुरुआत से ही इस पूरे मामले में कोरोना की जांच को लेकर ढिलाई बरत रहा था। दरअसल 17 जून को उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की टीम इस बालिका गृह के निरीक्षण के लिए पहुंची थी।
वहां पाई गईं तमाम कमियों और कोरोना वायरस को लेकर आयोग ने प्रशासन को निर्देश दिया कि इन लड़कियों की जांच कराई जाए। जांच में पूरे बालिका गृह में 57 लड़कियां संक्रमित पाई गईं। अपनी जांच के दौरान वहां रहने वाली लड़कियों को खतरे में डालते हुए प्रशासन ने पहले से किसी को आइसोलेट नहीं किया, वर्ना संक्रमण की संख्या घट सकती थी। इन लड़कियों में सात लड़कियां ऐसी भी हैं जो गर्भवती हैं।
पॉक्सो समेत रेप के दूसरे मामलों में पीड़िता लड़कियां प्रदेश के अलग- अलग हिस्सों से कोर्ट के आदेश पर यहां लाई गई हैं। यह बात भी सामने आई कि बालिका गृह में तय सीमा से ज्यादा लड़कियां रह रही थीं, जिसकी वजह से संक्रमण की तादाद बहुत ज्यादा हो गई। इस बालिका गृह की क्षमता ही करीब 70 लड़कियों की है। बावजूद इसके कानपुर जिला प्रशासन ने कई लापरवाही की। इस घटना के बाद प्रशासन पर कई सवाल उठ रहे हैं।