- संस्थान अपने 19 साल पुराने अभियान ‘दहेज को कहें ना!’ के जरिए फैला रहा है संदेश
- दिव्यांगों और वंचितों के लिए 11 सितंबर को उदयपुर, राजस्थान में भव्य विवाह समारोह का आयोजन
- न्यू नॉर्मल में जोड़ों द्वारा भेजा जाएगा 19 साल पुराने अभियान ‘दहेज को कहें ना!’ के जरिये संदेश
जयपुर : गैर-लाभकारी संगठन नारायण सेवा संस्थान 11 सितंबर 2021 को उदयपुर, राजस्थान में दिव्यांग और वंचित वर्ग के जोड़ों के 36वें सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन करेगा। सामूहिक विवाह का आयोजन ‘स्मार्ट विलेज’ में किया जाएगा, जिसका निर्माण नारायण सेवा संस्थान द्वारा अपने परिसर के भीतर किया गया है। इस दौरान 21 जोड़े शादी के बंधन में बंधेंगे। जोड़े समाज में दहेज प्रथा से लड़ने के लिए 19 साल पुराने अभियान ‘दहेज को कहें ना!’ को और बढ़ावा देंगे।
शादी में जोड़ों के परिवारों के साथ-साथ ऐसे मेहमानों और दानदाताओं की मौजूदगी भी रहेगी, जिन्होंने जोड़ों के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी ओर से योगदान किया है। इनमें अधिकांश जोड़े ऐसे हैं, जिन्होंने संस्थान में ही निशुल्क सुधारात्मक सर्जरी करवाई है और बेहतर जीवन जीने के लिए कौशल प्रशिक्षण हासिल किया है। विवाह समारोह में दानदातागण दिव्यांग एवं निर्धन बेटियों का कन्यादान करेंगे और साथ ही वे घरेलू उपकरण उपहार में प्रदान करेंगे।
इस बारे में एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा, ”यह 36 वां सामूहिक विवाह समारोह है जो ‘दहेज को कहें ना!’ के प्रमुख अभियान के अपने 19 वें वर्ष में है। सामूहिक विवाह समारोह के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन की जायेगी।
वैदिक रीति-रिवाज से विवाह- संस्थान द्वारा विद्वान पंडितों की उपस्थिति में हिंदू परम्परा से विवाह संस्कार सम्पन्न कराया जाएगा।
कोरोना सुरक्षा- महामारी के चलते प्रत्येक प्रवेश और निकास द्वार पर मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता संबंधी मानकों का पालन किया जाएगा और इस तरह कोविड -19 की आशंका को रोकने के लिए संस्थान त्रिस्तरीय सुरक्षा का पालन सुनिश्चित करेगा।
कमेटिया गठित- विवाह व्यवस्था को सफल बनाने के लिए कोरोना सुरक्षा समिति, स्वागत कमेटी, यातायात कमेटी, भोजन कमेटी, पांडाल समिति, पंजीयन कमेटी, आवास कमेटी, विजिट कमेटी, पाणिग्रहण समिति, तकनीकी समिति, मंचीय व्यवस्था समिति, सिक्यूरिटी समिति, फायर सुरक्षा समिति, मेन्टीनेंस कमेटी, आपात व्यवस्था कमेटी का गठन किया है। ये सभी समितियां सामूहिक विवाह में शरीक होने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा-सुविधा का ध्यान रखेगी।
आनंद का अनूठा समारोह- यह विवाह कहने को दिव्यांगों का सामूहिक विवाह है लेकिन इस समारोह में अपनत्व और सामाजिकता का इतना ध्यान रखा जाता है कि विवाह में उपस्थित हर परिजन, व्यक्ति, साधक और दानदाता के मन को छू जाएगा। बुजुर्ग-बड़े आशीर्वाद देते हैं तो युवाजन हंसी-खुशी से थिरकने को मजबूर।
अब तक 2109 जोड़ों की बसी गृहस्थी- संस्थान 21 सालों से सामूहिक विवाह का आयोजन करता आ रहा है। अब तक 35 विवाह समारोह आयोजित हो चुके हैं। जिसमें 2109 जोड़े विवाह सूत्र में बंध चुके हैं। ज्ञात रहे कि 2020 कोरोना काल में भी विवाह समारोह सम्पन्न हुआ था।
महामारी के दौरान, एनएसएस ने जरूरतमंदों की मदद के लिए भोजन और मास्क वितरण शिविरों का आयोजन भी किया है। साथ ही, कृत्रिम अंग वितरण, राशन किट वितरण, पीपीई किट और कोरोना किट के साथ कई अभियान चलाए जा रहे हैं। संस्थान ने इस दौरान मुख्यमंत्री सहायता कोष में भी योगदान किया।