पटना : बिहार के 12 जिलों की करीब 29.62 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। वहीं प्रशासन ने अभी तक करीब 2.62 लाख लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया है। आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 12 जिलों सीताम7ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगड़िया, सारण और समस्तीपुर जिले के 101 प्रखंडों के 837 पंचायतों के 29 लाख 62 हजार 653 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इन जिलों से सुरक्षित निकाले गए दो लाख 62 हजार 837 लोगों में से 22,997 लोग 26 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
बाढ़ के कारण विस्थापित लोगों को भोजन कराने के लिए 808 सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गयी है जहां अबतक चार लाख 19 हजार 433 लोगों ने भोजन किया है। दरभंगा जिले में सबसे अधिक 14 प्रखंडों के 162 पंचायतों के 11 लाख 74 हजार 320 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 26 टीमें तैनात हैं।
इन जिलों में बाढ़ का कारण अधवारा समूह नदी, लखनदेई, रातो, मरहा, मनुसमारा, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, गंडक, बू7ी गंडक, कदाने, नून, वाया, सिकरहना, लालबेकिया, तिलावे, धनौती, मसान, कोसी, गंगा और करेह नदियों का जलस्तर बढना है। जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बागमती नदी सीतामढी, मुजफ्फरपुर एवं दरभंगा में, बूढी गंडक नदी मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर एवं खगडिया में, कमला बलान नदी मधुबनी में, गंगा नदी भागलपुर में, अधवारा नदी सीतामढी में, खिरोई दरभंगा में और महानंदा नदी किशनगंज एवं
पूर्णिया में मंगलवार को खतरे के निशान से उपर बह रही थी। जल संसाधन विभाग के अनुसार सभी बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंध अभी तक सुरक्षित हैं। इसबीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को मुख्य सचिव दीपक कुमार के साथ बाढ़ की अद्यतन स्थिति की समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया कि आवश्यकतानुसार सामुदायिक रसोई और राहत शिविरों की संख्या बढ़यी जाय और वहां दो गज की दूरी का पालन सुनिश्चित किया जाए।