एम्स ने कहा, स्वास्थ्य कर्मियों के प्रयोग में लाये जाने वाले पीपीई व अन्य सुरक्षा उपकरण में भारी कमी

नयी दिल्ली : भार में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले के बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के पुन:उपयोग के लिए दिशानिर्देश जारी किये हैं। कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के कारण इसके भंडार में आई कमी का हवाला देते हुए यह कदम उठाया गया है। दिशानिर्देश में इस बात पर जोर दिया गया है कि इस तरह के किट की आसन्न कमी होने की स्थिति में संक्रमण मुक्त करने के लिए पद्धतियों को सिर्फ असाधारण अंतिम उपाय माना जाना चाहिए। एम्स दिशानिर्देश के मुताबिक पुन:उपयोग के उद्देश्य के लिए पीपीई किट को संक्रमण मुक्त करने का फिलहाल सुझाव नहीं दिया गया है क्योंकि इससे उसके कार्य निष्पादन, खासतौर पर ‘रेस्पिरेटर’ पर असर पड़ सकता है। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि हालांकि, तब पीपीई किट के संक्रमणमुक्त करने और उसके पुन:उपयोग मौजूदा उपलब्ध आपूर्ति के उपयोग की अवधि को बढ़ा सकते हैं। एम्स ने कहा है, कोरोना महामारी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में हमारे संसाधनों को जबरदस्त रूप से प्रभावित किया है। एक मुख्य मुद्दा रोगियों की देखभाल के लिए उपयोग में लाई जाने वाली पीपीई (के भंडार) में तेजी से आ रही कमी है। यह स्वास्थ्य कर्मियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिये एक चिंता का एक बड़ा विषय है। देश भर के स्वास्थ्य कर्मियों ने गॉगल्स, मास्क, ग्लोव और जूते सहित पीपीई तथा अन्य जरूरी उपकरणों के अभाव का जिक्र किया है। एम्स के दिशानिर्देशों के मुताबिक कवरऑल (सुरक्षा पोशाक) और एन 95 मास्क को एक सीलबंद कमरे में हाइड्रोजन पैरोक्साइड वाष्प की मात्रा दोगुनी कर संक्रमण मुक्त किया जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी से देश में मरने वाले लोगों की संख्या बुधवार को बढ कर 149 पहुंच गई, जबकि अब तक 5,000 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

seven − 2 =