योगिनी एकादशी व्रत आज

वाराणसी। एकादशी की अत्यधिक धार्मिक मान्यता होती है। माना जाता है कि एकादशी पर पूरे मनोभाव से व्रत रखा जाए तो जीवन के सभी कष्ट छंट जाते हैं और पापों से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि योगिनी एकादशी का व्रत करने पर 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन करवाने जितना पुण्य मिलता है।

सालभर में 24 एकादशी पड़ती हैं जो हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर रखी जाती हैं। इसी तरह आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। एकादशी पर पूरे मनोभाव से भगवान विष्णु की पूजा-आराधना की जाती है। माना जाता है कि भगवान विष्णु प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।

कब है योगिनी एकादशी : पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 21 जून सुबह 7 बजकर 18 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 22 जून की सुबह 4 बजकर 27 मिनट पर हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत इस साल 21 जून, शनिवार को रखा जाएगा।

कब किया जाएगा व्रत का पारण : योगिनी एकादशी के व्रत का पारण 22 जून की दोपहर 1 बजकर 47 मिनट से शाम 4 बजकर 35 मिनट तक किया जा सकेगा। इस शुभ मुहूर्त में व्रत पारण करना शुभ होता है।

योगिनी एकादशी की पूजा विधि : योगिनी एकादशी के व्रत के नियम दशमी की शाम से ही शुरू हो जाते हैं और अगले दिन एकादशी तक रहते हैं। दशमी तिथि पर रात के समय गेंहू, मूंग और जौ का सेवन नहीं किया जाता है। दशमी की रात को नमक भी नहीं खाते हैं। अगली सुबह एकादशी पर स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प लिया जाता है और फिर स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं।

एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए कलश में जल भरकर रखा जाता है। टीका लगाया जाता है, अक्षत लगाया जाता है, आरती की जाती है और भोग लगाकर पूजा का समापन होता है। भोग में तुलसी शामिल करना अत्यधिक शुभ होता है।

योगिनी एकादशी का महत्व : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, योगिनी एकादशी का व्रत और पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप कर्म समाप्त हो जाते हैं। पद्म पुराण के अनुसार, यह व्रत सभी पापों को नाश करने वाला है। आपको बता दें, इस एकादशी को रोग नाशक एकादशी भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति शारीरिक या मानसिक कष्टों से परेशान है, उसके लिए योगिनी एकादशी का व्रत अत्यंत लाभकारी होता है और इस दिन पूजा करने से शारीरिक रोग दूर होते हैं।

ज्योतिर्विद रत्न वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 99938 74848

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