विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 3 मई 2025 विशेष…

वर्तमान डिजिटल युग में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ प्रेस के सभी प्लेटफॉर्म्स की महत्वपूर्ण भूमिका
सरकारों की जवाबदेही सुनिश्चित करने, आम लोगों की आवाज प्रशासन तक पहुंचने में प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका
वर्तमान डिजिटल युग में इलेक्ट्रॉनिक सोशल प्रिंट मीडिया में पारदर्शिता स्वतंत्रता निष्पक्षता व ईमानदारी से काम करना समय की मांग- अधिवक्ता के.एस. भावनानी

अधिवक्ता किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर वर्तमान डिजिटल युग में मीडिया के अनेकों प्लेटफॉर्म्स आ जाने के कारण न केवल लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया की जवाबदेही बढ़ गई है बल्कि दुनियाँ के सरकारों की भी जवाबदेही गई बढ़ गई है। क्योंकि प्रेस की स्वतंत्रता के साथ-साथ देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा व सुरक्षा से जुड़े राज को बनाए रखना होता है, ताकि विदेशी हमलों से सुरक्षा की जा सके। इसलिए हमने देखे कि पिछले दिनों भारत सरकार ने प्रेस के लिए गाइडलाइंस भी जारी किए थे। आज हम प्रेस से जुड़े मुद्दे इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि आज 3 मई 2025 को हम विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2025 मना रहे हैं, इस दिन दुनिया भर में प्रेस की स्वतंत्रता का मूल्यांकन किया जाता है। मीडिया को उसकी स्वतंत्रता पर हमले से बचाया जाता है। अपने पेशे के दौरान जान बलिदान करने वाले मीडिया साथियों को श्रद्धांजलि दी जाती है। चूँकि वर्तमान डिजिटल युग में इलेक्ट्रॉनिक, सोशल व प्रिंट मीडिया में पारदर्शिता, स्वतंत्रता, निष्पक्षता व ईमानदारी से काम करना समय की मांग है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 3 मई 2025, वर्तमान डिजिटल युग में लोकतंत्र के चौथेस्तंभ प्रेस के सभी प्लेटफॉर्म्स की महत्वपूर्ण भूमिका।

साथियों बात अगर हम लोकतंत्र के चौथे स्तंभ प्रेस की स्वतंत्रता की करें तो, लोकतंत्र के चार स्तंभ होते हैं यह हम सब जानते हैं। न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और प्रेस/मीडिया। लोकतंत्र के इस चौथे स्तंभ का विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 3 मई 2025 को मनाया जा रहा है। प्रेस/मीडिया की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने, आम लोगों की आवाज प्रशासन तक पहुंचाने की है जो आज के युग में एक चुनौती पूर्ण कार्य है। हालांकि किसी भी देश की सरकारें, शासन-प्रशासन अपने कर्तव्यों अधिकारों का पालन संविधान, कानून, नियमों, विनियमों की प्रक्रिया के दायरे में ही करते हैं तथा देश के उद्योगपति, व्यवसाई नागरिक भी अपना दैनंदिनी जीवन में कार्य शासन द्वारा बनाए नियमों की सीमाओं में ही करते हैं।

परंतु कुछ इसके अपवाद भी हो सकते हैं जो इन कानूनों, मर्यादाओं को ताक पर रखकर अपने कर्तव्यों की अनदेखी कर अनधिकृत रूप से कार्यों को दिशा देते हैं। बस! यही से प्रेस/मीडिया का कार्य शुरू होता है जो इतनी जोख़िम भरी सेवा होती है जो यह हम सब समझ सकते हैं। भारतीय कानून प्रणाली द्वारा यह स्पष्ट रूप से संरक्षित नहीं किया गया है लेकिन यह संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (क) के तहत संरक्षित है जिसमें कहा गया है कि सभी नागरिकों को वा एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार होगा। हालांकि प्रेस की स्वतंत्रता भी असीमित नहीं होती है। कानून इस अधिकार के प्रयोग पर केवल उन प्रतिबंधों को लागू करता है जो अनुच्छेद 19 (2) मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध के दायरे में आते हैं। वह हैं, भारत की संप्रभुता और अखंडता से संबंधित मामले, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध, सार्वजनिक व्यवस्था शालीनता या नैतिकता या न्यायालय की अवमानना के संबंध में मानहानि या अपराध को प्रोत्साहन।

साथियों बात अगर हम प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने के उद्देश्यों व महत्व की करें तो,विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2025 के उद्देश्य :-
(1) विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस, 3 मई, 2025 को मीडिया स्वतंत्रता के मूल सिद्धांतों को बढ़ावा देने, दुनिया भर में मीडिया की स्वतंत्रता की स्थिति का आकलन करने और पत्रकारों और मीडिया पेशेवरों को उनके काम पर हमलों से बचाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

(2) यह पारदर्शिता, जवाबदेही और सार्वजनिक रूप से सूचित चर्चा के लिए स्वतंत्र प्रेस के महत्व को रेखांकित करने का दिन है जो किसी भी लोकतांत्रिक समाज की तीन प्रमुख आधारशिलाएँ हैं।

(3) पत्रकारों के सामने आने वाले खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाएगी, जिसमें सेंसरशिप, धमकी, उत्पीड़न, कारावास और हिंसा शामिल हैं।

(4) ऐसी चुनौतियों को उजागर करके, विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस सरकारों संस्थानों और व्यक्तियों को प्रेस के लिए एक स्वतंत्र और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

(5) यह उन पत्रकारों को सम्मानित करने के लिए भी एक दिन है जो कठिन और खतरनाक परिस्थितियों में रिपोर्टिंग करना जारी रखते हैं।

(6) यह नैतिक पत्रकारिता, शांति और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने में मीडिया की भूमिका और गलत सूचना और भ्रामक सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए क्या करने की आवश्यकता है, पर चिंतन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

(7) विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मीडिया संगठनों, नागरिक समाज और प्रेस स्वतंत्रता के लिए अंतरराष्ट्रीय निकायों के बीच वैश्विक एकजुटता और सहयोग को मजबूत करता है। अंत में, यह सार्वजनिक हित के रूप में स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए सभी क्षेत्रों से समर्थन और सरकारों से जनता के जानने के अधिकार की रक्षा करने का आह्वान करता है।

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2025 का महत्वपूर्ण महत्व-
(1) 3 मई, 2025 को, दुनिया विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस को एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में मनाएगी, क्योंकि यह लोकतंत्र के निर्माण के साथ-साथ मानवा धिकारों की सुरक्षा में एक स्वतंत्र और स्वतंत्र प्रेस की भूमिका को प्रमाणित करता है।

(2) यह एक गंभीर अनुस्मारक है कि प्रेस की स्वतंत्रता एक विशेषाधिकार नहीं है, बल्कि एक मानव अधिकार है जो नागरिकों को सूचित करता है, उन्हें नागरिक जीवन में शामिल करता है और सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह बनाता है।

(3) इसका उद्देश्य पत्रकारों के सामने आने वाले विभिन्न खतरों और चुनौतियों जैसे कि सेंसरशिप, धमकी, उत्पीड़न और यहां तक ​​कि हिंसा की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित करना है। यह ऐसी परिस्थितियाँ लाता है जो मीडिया पेशेवरों के लिए व्यापक सुरक्षा और संरक्षा की माँग करती हैं ताकि वे बढ़ती संख्या में मानवाधिकार- आधारित जुड़ाव के हित के क्षेत्र में आ सकें।

(4) यह गलत सूचना से लड़ने और नैतिक पत्रकारिता का समर्थन करने की माँग करता है जो सूचना देने के लिए है न कि गुमराह करने के लिए।

(5) विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस उन पत्रकारों की स्मृति को अमर बनाता है जिन्होंने सत्य की खोज में अपनी अंतिम कीमत चुकाई।

(6) यह मीडिया बहुलवाद, पारदर्शिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति सरकारों, मीडिया संस्थानों और नागरिक समाज के बीच स्थायी संवाद को बढ़ावा देता है।

(7) तेजी से बदलते डिजिटल परिदृश्य में, यह दिन हमें सार्वजनिक विश्वास को बढ़ावा देने के लिए विश्वसनीय और स्वतंत्र पत्रकारिता के महत्व के बारे में जागरूक बनाता है।

(8) यह अंततः इस बात पर जोर देता है कि प्रेस की स्वतंत्रता न्याय, विकास और दुनिया भर में लोकतांत्रिक मूल्यों के रखरखाव के लिए महत्वपूर्ण है।

साथियों बात अगर हम 3 मई 2025 को प्रेस स्वतंत्रता दिवस के थीम की करें तो, हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह दिन न केवल पत्रकारों की स्वतंत्रता और उनके अधिकारों की रक्षा की याद दिलाता है, बल्कि यह मीडिया के मूलभूत सिद्धांतों की पुनः पुष्टि करने का एक अवसर भी है। एक स्वतंत्र प्रेस किसी भी लोकतंत्र की आत्मा होता है और जब यह स्वतंत्रता खतरे में होती है, तो पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर हो जाती है। 2025 में यह दिन और भी खास है क्योंकि इस बार की थीम सीधे भविष्य की पत्रकारिता से जुड़ी है- “रिपोर्टिंग इन द ब्रेव न्यू वर्ल्ड-द इम्पैक्ट ऑफ आर्टिफिशल इंटेलीजेंस ऑन प्रेस फ्रीडम एंड द मीडिया”, यानी “बहादुर नई दुनिया में रिपोर्टिंग – प्रेस स्वतंत्रता और मीडिया पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रभाव”। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस- वरदान या चुनौती? एआई यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता आज मीडिया की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। समाचार लेखन से लेकर वीडियो संपादन, ऑडियो ट्रांसक्रिप्शन, डाटा एनालिसिस और भाषाओं के बीच अनुवाद, सब कुछ एआई की मदद से पहले से अधिक कुशल, तेज और विस्तारशील हो गया है।

एआई के लाभ : जांच-पड़ताल आधारित पत्रकारिता को अधिक गहराई और गतिसमाचारों का मल्टीलिंगुअल प्रसारण फेक्ट- चेकिंग में वास्तविक समय सहयोगडाटा विजुअलाइजेशन और एनालिटिक्स के जरिए बेहतर रिपोर्टिंग लेकिन हर तकनीकी क्रांति की तरह एआई के साथ भी जोखिम हैं जो पत्रकारिता की स्वतंत्रता को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे, डीपफेक तकनीक से गलत जानकारियों का प्रसार, मशीन आधारित सेंसरशिप और बायस्ड कंटेंट मॉडरेशन एआई सर्वेलेंस टूल्स के जरिए पत्रकारों की निजता का उल्लंघन, ऑटो- जेनरेटेड न्यूज के कारण पत्रकारों की रोजगार सुरक्षा पर खतरा, इसलिए इस बार की थीम का उद्देश्य है : एआई के इन दोनों पहलुओं की गंभीरता से चर्चा करना और यह सुनिश्चित करना कि यह तकनीक लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता को कमजोर करने की बजाय, उसे सशक्त बनाए।

साथियों बात अगर हम विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने की करें तो, यह दिन क्यों मनाया जाता है? विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की शुरुआत 1993 में यूनेस्को द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य है : पत्रकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सुरक्षा प्रदान करना, उन पत्रकारों को सम्मान देना जो सच के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं, दुनिया भर में मीडिया की स्वतंत्रता को बढ़ावा देना इस दिन की प्रेरणा ‘विंडहोक डिक्लेरेशन’ से आई थी। जिसे 1991 में नामीबिया में अपनाया गया था और जिसमें एक स्वतंत्र और विविधतापूर्ण प्रेस की आवश्यकता पर जोर दिया जाता है।

2025 में जब हम प्रेस की स्वतंत्रता की बात करते हैं, तो तकनीक के साथ इसका गहरा जुड़ाव दिखता है। आज का पत्रकार न केवल कलम और कैमरे से लैस है, बल्कि उसके पास एआई आधारित टूल्स भी हैं जो उसके काम को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हैं। परंतु जब एआई के जरिए ऑटोमेटेड न्यूज जनरेशन होता है, तब यह सवाल उठता है- क्या यह स्वतंत्र पत्रकारिता है या कोड से संचालित सूचना? क्या हर बार सच दिखाया जा रहा है या एआई एल्गोरिद्म के अनुसार तैयार की गई ‘सुविधाजनक सच्चाई’ पेश की जा रही है? इन मुद्दों पर विश्व स्तर पर विमर्श आवश्यक है, ताकि तकनीक लोकतंत्र की रीढ़, पत्रकारिता, को कमजोर न करे।

साथियों बात अगर हम प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने के कार्यक्रमों की करें तो, विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस हर साल 3 मई को मनाया जाता है। यह दिन प्रेस की स्वतंत्रता और महत्व को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। भारत में इस दिन को मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं, जैसे :-
सेमिनार और कार्यशालाएं : प्रेस की स्वतंत्रता और इसके महत्व पर चर्चा करने के लिए।
पुरस्कार समारोह : पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार प्रदान करने के लिए।
जागरूकता अभियान : लोगों को प्रेस की स्वतंत्रता के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए।
मीडिया संगठनों द्वारा विशेष कार्यक्रम : प्रेस की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और इसके महत्व को उजागर करने के लिए। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता को बढ़ावा देना और इसके महत्व को उजागर करना है।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 3 मई 2025- वर्तमान डिजिटल युग में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ प्रेस के सभी प्लेटफॉर्म्स की महत्वपूर्ण भूमिका सरकारों की जवाबदेही सुनिश्चित करने, आम लोगों की आवाज प्रशासन तक पहुंचने में प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका वर्तमान डिजिटल युग में इलेक्ट्रॉनिक, सोशल, प्रिंट मीडिया में पारदर्शिता, स्वतंत्रता, निष्पक्षता व ईमानदारी से काम करना समय की मांग है।

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)

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