जलवायु परिवर्तन पर कार्यशाला का आयोजन संपन्न

अंकित तिवारी, रुद्रप्रयाग । हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर के पर्यावरणीय विज्ञान विभाग द्वारा वैश्विक परिवर्तन शोध के लिए एशिया-प्रशान्त तंत्र से वित्त पोषित शोध परियोजना के तहत जनपद रुद्रप्रयाग के डडोली ग्राम में एक दिवसीय विचार-विमर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि प्रणाली पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और परम्परागत विधियों द्वारा सम्भावित अनुकूलन रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की गई। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कार्यशाला के आयोजक व मुख्य वक्ता पर्यावरणीय विज्ञान विभाग हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश कुमार मैखुरी ने कार्यशाला के उद्देश्यों का परिचय कराते हुए जलवायु परिवर्तन के लिए उत्तरदायी पर्यावरणीय, सामाजिक व आर्थिक कारकों का सरल भाषा में विश्लेषण करते हुए कृषि, उद्यमिता व परम्परागत ज्ञान से इन परिवर्तनों के अनुकूलन पर व्याख्यान दिया गया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए मुख्य अतिथि जिला समन्वयक बाल विकास कांग्रेस रुद्रप्रयाग व प्रधानाचार्य राजकीय इंटरमीडीऐट कॉलेज मणिपुर महावीर सिंह रावत ने जलवायु परिवर्तन और स्थानीय स्तर पर इसके अनुकूलन पर सम्भव समाधानों पर बल दिया गया। कार्यक्रम में आमंत्रित विषय विशेषज्ञ राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि के वनस्पति विज्ञान विभाग में सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रकाश फोन्दणी ने जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर कृषि क्षेत्र को मजबूत करने में सरकारी संस्थानों व इस तरह के कार्यक्रमों की भूमिका पर प्रकाश डाला गया।

गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय पर्यावरण संस्थान श्रीनगर के डॉ. लखपत सिंह रावत ने कृषि प्रणालियों में हो रहे परिवर्तनों, उन्नत बीजों तथा जैविक कृषि के लिए सरल तकनीक पर अपने विचार व्यक्त किए। विभाग की ओर से कार्यक्रम में पहुंचे डॉ. गिरीश चन्द्र भट्ट, रविन्द्र रावत, डॉ. चंडी प्रसाद सेमवाल, हरेन्द्र रावत, गिरीश नौटियाल ने भी इस विषय पर अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य सैन सिंह नेगी, धीर सिंह रावत, मोहन लाल सोनियाल, मंजू झिन्कवाण आदि द्वारा भी अपने अनुभव साझा किए गए। कार्यक्रम के अध्यक्ष ग्राम प्रधान डडोली सुमान सिंह रौथाण ने समय-समय पर इस तरह के आयोजनों की जरुरत और ग्रामीणों से इन कार्यक्रमों से लाभान्वित होने का आह्वान किया गया। कार्क्रम में 100 से अधिक ग्रामीणों व किसानों ने प्रतिभाग किया।

समापन सत्र में पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्राध्यापक रविन्द्र रावत द्वारा सभी अतिथियों, गणमान्य व्यक्तियों, विशेषज्ञों व प्रतिभागियों का अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए तथा गढ़वाल विश्वविद्यालय व वैश्विक परिवर्तन शोध के लिए एशिया-प्रशान्त तंत्र संगठन (ए.पी.एन.) जापान का वित्तीय व अन्य जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने के लिए विशेष आभार प्रकट किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *