
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा में अपने पतियों को खोने वाली एक महिला और उसकी बहू ने गवर्नर से सुरक्षा की मांग की है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा में अपने पतियों को खोने वाली महिला और उसकी बहू ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस से अपनी सुरक्षा की अपील की है।
पीड़ित महिलाओं का आरोप है कि उन्हें सत्तारूढ़ टीएमसी और पुलिस की ओर से धमकाया जा रहा है।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस से 4 पेज के पत्र में पारुल दास और पिंकी दास ने आग्रह किया कि वे कलकत्ता उच्च न्यायालय तक उनकी सुगम यात्रा की व्यवस्था करें, ताकि वे वहां अपनी एक याचिका दायर कर सकें।
पत्र में कहा गया है, ‘हम, हरगोबिंदो दास और चंदन दास की दो विधवाएं, टूटे हुए दिल और कांपते हाथों से आपको पत्र लिख रही हैं, न्याय और सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर रही हैं। हम यह पत्र एक गुप्त स्थान से लिख रही हैं, क्योंकि हम न केवल सत्तारूढ़ पार्टी की धमकियों से डर रही हैं, बल्कि पुलिस से भी डर रही हैं, जो हमें लगातार धमका रही है।’
उन्होंने बिधाननगर पूर्व पुलिस स्टेशन की टीम पर आरोप लगाया कि इस टीम ने सुबह सॉल्ट लेक बीजी ब्लॉक से उन्हें अगवा करने की कोशिश की।
वहीं, इन दोनों औरतों के आरोपों को खारिज करते हुए पुलिस ने कहा कि वे हरगोबिंदो के छोटे बेटे समर्थ की शिकायत मिलने के बाद सॉल्ट लेक बीजी ब्लॉक गई थी।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘कल रात हरगोबिंदो परिवार के छोटे बेटे ने शमशेरगंज पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई कि मृतक की पत्नियों को पिछली शाम एक व्यक्ति कार में घर से ले गया। शिकायत में आगे कहा गया है कि परिवार को संदेह है कि दोनों महिलाओं का अपहरण कर लिया गया है, क्योंकि वे 24 घंटे से अधिक समय से घर नहीं लौटी हैं।’
इसमें कहा गया है, ‘ऐसे गंभीर आरोपों के आधार पर मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई, और पता चला कि दोनों महिलाएं बिधाननगर के एक घर में रह रही थीं.’ पुलिस वहां गई और दोनों महिलाओं से पूछा कि क्या वे सुरक्षित हैं, और फिर वे वहां से चली गईं. इसमें कहा गया, ‘शिकायत की जांच करना पुलिस का कर्तव्य है और यही किया गया है।’
गौर करें तो बीते महीने मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान हरगोबिंद दास और उनके बेटे चंदन की हत्या कर दी गई थी।
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