भगवान शिव को क्यों समर्पित है सोमवार का दिन

वाराणसी। जब सोम का उच्चारण किया जाता है तो उसमें ओम का भी उच्चारण होता है। आपके मन में भी कभी ये सवाल आता है कि आखिर सोमवार का दिन ही भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित क्यों है? आज हम आपको बताएंगे कि इसके पीछे पौराणिक कथाएं क्या हैं और धर्म शास्त्र क्या कहता है। भगवान शिव त्रिदेवों में से एक हैं और इसलिए हिंदू धर्म में भगवान शिव को विशेष स्थान हासिल है। यह तो हम सभी जानते हैं कि सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी ईश्वर की पूजा, भक्ति और व्रत के लिए समर्पित होते हैं। ऐसे में सोमवार का दिन भगवान शिव का दिन माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि इस दिन अगर सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा की जाए तो हर मनोकामना पूरी होती है।

सोमवार का दिन ही भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित क्यों है?
सोम यानी चंद्रमा जो भगवान शिव हैं। इसके अलावा सोम का अर्थ सौम्य भी होता है। भगवान शंकर को बेहद सौम्य और शांत देवता कहा जाता है। वे अपने भक्तों की भक्ति से बड़ी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं इसलिए उन्हें भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है। शिव के सहज और सरल होने के कारण भी सोमवार का दिन शिवजी का दिन माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र देव ने सोमवार के दिन ही भगवान शिव की आराधना की थी जिससे उन्हें क्षय रोग से मुक्ति मिली और वे निरोगी हो गए। इसलिए सोमवार के दिन को भगवान शिव की पूजा के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।

सोम में ॐ भी समाया है और शिव ओंकार हैं : जब सोम का उच्चारण किया जाता है तो उसमें ओम का भी उच्चारण होता है। इस तरह से देखा जाए तो सोम में ॐ भी समाया है और शिव ओंकार हैं। इसलिए भी सोमवार को शिवजी का दिन माना जाता है। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए किसी खास विधि की जरूरत नहीं होती है। कहा जाता है कि वे बहुत भोले हैं और अपने भक्तों की प्रार्थना जल्द ही सुन लेते हैं। जानिए वे कौन से फूल हैं, जिनको शिवलिंग पर चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न हो सकते हैं।

सोमवार को क्या करना चाहिए :
सिर पर भस्म का तिलक लगाएं।
सोमवार को निवेश करना अच्छा माना गया है।
यदि आप सोना, चांदी या शेयर में निवेश करने की सोच रहे हैं तो सोमवार को चुनें।
दक्षिण, पश्चिम और वायव्य दिशा में यात्रा कर सकते हैं।
इस दिन गृह निर्माण का शुभारंभ कर सकते हैं।
शपथ ग्रहण, राज्याभिषेक या नौकरी प्रारंभ करने के लिए शुभ दिन।

सोमवार को ये काम बिलकुल ना करें वर्ना बहुत पछताएंगे?
1) किसी को सफेद वस्त्र या दूध दान में ना दें।
2) इस दिन उत्तर-पूर्व और आग्नेय में यात्रा नहीं करें।
3) इस दिन माता से किसी भी प्रकार का विवाद ना करें।
4) कुल देवता का किसी भी प्रकार से अपमान ना करें।
5) शनि से संबंधित कपड़े ना पहने, जैसे काले, नीले, जामुनी।

शिवलिंग पर इन चीजों को भूलकर भी ना चढ़ाएं :
1) केतकी का फूल– भगवान शिव को वैसे तो कनेर, आक, धतूरा, अपराजिता, चमेली, नाग केसर, गूलर आदि सभी फूल चढ़ाए जाते हैं लेकिन भोलेनाथ को सफेद रंग का फूल विशेष रूप से प्रिय है। लेकिन केतकी का फूल सफेद होने के बावजूद शिवजी की पूजा में नहीं चढ़ाना चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार केतकी के फूल ने ब्रह्मा जी के झूठ में उनका साथ दिया था, जिससे नाराज होकर भोलनाथ ने केतकी के फूल को श्राप दिया। इस वजह से शिवजी की पूजा में केतकी के फूल का इस्तेमाल वर्जित है।

2) तुलसी का न करें प्रयोग– शिवलिंग पर या फिर शिवजी की पूजा के दौरान कभी भी तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसका कारण ये है कि तुलसी शापित हैं। जालंधर नामक असुर की पत्नी वृंदा के अंश से तुलसी का जन्म हुआ था जिसे भगवान विष्णु ने पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इसलिए शिव जी की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल नहीं होता।

3) गाय को खाना खिलाना– सोमवार को सफेद गाय को रोटी और गुड़ खिलाने से होते हैं सारे कष्ट दूर।

4) अन्य उपाय– आपको अगर मानसिक, शारीरिक, आर्थिक कष्ट हो तो कुलदेवता की पूजा करें, अगर चंद्रमा कष्ट दे रहा है तो रात को दूध या पानी से भरा बर्तन सिरहाने रखकर सो जाएं और सुबह पीपल के पेड़ में डाल दें। इस दिन उपाय करने से सबसे पहले मन को शांति मिलती है, फिर तन को आरोग्य मिलता है और धन का प्रचुर आगमन होता है। सोमवार को सफेद गाय को रोटी और गुड़ खिलाने से भी हमारे कष्ट दूर होते हैं। यदि आप मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं तो सोमवार के दिन भगवान शिव का अभिषेक शक्कर मिलें दूध से करें। ऐसा करने से तनाव दूर होता है। दिमाग तेज और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

सूचना : यह लेख हमारे सनातन धर्म और संस्कृति की आस्थाओं पर आधारित है।

ज्योतिर्विद रत्न वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 99938 74848

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