खुद को दुष्चक्र में फंसा क्यों पा रहे हैं खड़गपुर के समाजसेवी दीपक दासगुप्ता ??

खड़गपुर : विवादों से दूर – दूर तक नाता न रखने वाले खड़गपुर के विशिष्ट समाजसेवी दीपक कुमार दासगुप्ता खुद को दुष्चक्र में फंसा क्यों पा रहे हैं , शहर में इन दिनों यह बड़ा सवाल बना हुआ है । उनसे संबंधित बहुचर्चित स्कूल विवाद की सुनवाई आगामी २१ नवंबर को खड़गपुर कोर्ट में होने जा रही है । जिससे एक बार फिर यह मामला सतह पर नजर आ रहा है । बता दें कि दासगुप्ता शहर के जाने – माने समाजसेवी हैं । सामाजिक कार्यक्रमों के मंचों पर अक्सर उन्हें देखा जाता है । सामाजिक सरोकार से जुड़ी गतिविधियों में उनकी सक्रिय सहभागिता रहती आई है । विवादों से कभी उनका दूर – दूर तक नाता नहीं रहा है । इसके बावजूद अदालती कार्यवाही के दुष्चक्र से वे खुद को वे आहत महसूस कर रहे हैं ।

उनके मुताबिक शहर के नीमपुरा स्थित सरकारी शिक्षण संस्थान के दाखिले प्रक्रिया पर उन्होंने जिम्मेदार नागरिक व पूर्व अभिभावक के नाते कुछ सवाल उठाए थे । जो मीडिया में प्रमुखता से प्रकाशित हुए थे । उनका इरादा किसी भी तरह किसी को आहत करना या सम्मानहानि नहीं था । उन्होंने स्कूल की अनियमितताओं पर भी सवाल खड़े किए थे । यद्यपि अभी तक न तो संबंधित पक्ष ने उनसे कोई संपर्क किया और न तो सवालों का संतोषजनक जवाब दिया । उलटे इसी को आधार बना कर संबंधित पक्ष ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना दिया और उन्हें मानहानि के मुकदमों से घेरने की कोशिशें शुरू हो गई। प्रतिवादी सरकारी स्कूल है , लेकिन इसके बावजूद उनके खिलाफ एक करोड़ का मानहानि का मुकदमा कर दिया गया , जो अचरज की बात है । विगत दो वर्षों से वे अदालती कार्यवाही के चलते गहरे मानसिक दबाव में है । एक तरह से वे मानसिक उत्पीड़न झेलने जैसी स्थिति में है । उन्होंने कहा कि इस मामले की सुनवाई आगामी २१ नवंबर को होनी है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *