बंगाल: SIR के डर से 3 लोगों ने की आत्महत्या, ममता बनर्जी ने BJP को ठहराया जिम्मेदार

कोलकाता | 31 अक्टूबर 2025 — पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर भय, भ्रम और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ हो गया है। पिछले 72 घंटों में तीन आत्महत्याओं की खबर ने राज्य की राजनीति को झकझोर दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का परिणाम बताया है।

🧓 आत्महत्याओं की घटनाएँ

  • 27 अक्टूबर: खड़गपुर के पानीहाटी में 57 वर्षीय प्रदीप कर ने आत्महत्या की, नोट में लिखा — “NRC मेरी मौत की वजह है”
  • 8 अक्टूबर: कूचबिहार के दिनहाटा में 63 वर्षीय व्यक्ति ने SIR के डर से आत्महत्या की
  • 30 अक्टूबर: पश्चिम मेदिनीपुर के क्षितिज मजूमदार (95) ने इलमबाजार में आत्महत्या की, परिवार ने SIR को कारण बताया

इन आत्महत्याओं को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाराजगी प्रकट की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि हम देख सकते हैं कि भाजपा की भय, विभाजन और घृणा की राजनीति के परिणाम कितने दुखद हो सकते हैं.

भाजपा के आदेश पर बंगाल पर SIR को जबरन थोपा गया है. इस घोषणा के 72 घंटे के भीतर एक के बाद एक झटके लगे हैं. एक घटना से निपटते समय दूसरी घटना घट जाती है.

🗣️ ममता बनर्जी का बयान

  • भाजपा पर आरोप: “SIR की आड़ में NRC लागू करने की कोशिश”
  • जनता से अपील: “उकसावे में न आएं, विश्वास न खोएं, सरकार आपके साथ है”
  • संकल्प: “हम बंगाल में NRC लागू नहीं होने देंगे — किसी भी दरवाजे से नहीं”
  • भावुक पोस्ट: “एक 95 वर्षीय नागरिक को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए मृत्यु का मार्ग चुनना पड़ा — यह मानवता के साथ विश्वासघात है”
मुख्यमंत्री ने बताया कि 27 अक्टूबर को खड़गपुर के पानीहाटी में 57 वर्षीय प्रदीप कर ने आत्महत्या कर ली. उन्होंने एक नोट में लिखा कि एनआरसी मेरी मौत के लिए जिम्मेदार है.

🏛️ चुनाव आयोग और भाजपा की सफाई

  • चुनाव आयोग: SIR एक नियमित प्रक्रिया, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन करना है
  • भाजपा: तृणमूल राजनीतिक लाभ के लिए डर फैला रही है, NRC का कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं है

इस मामले पर ममता बनर्जी ने सीधे सवाल उठाया कि इन सभी दुखद घटनाओं का जवाब कौन देगा? इनके पीछे राजनीतिक मंशा है. क्या गृह मंत्री इसकी ज़िम्मेदारी लेंगे? क्या भाजपा और उसके सहयोगी, जिनकी देखरेख में यह भयानक आतंक फैला है, ये लोग बोलने की हिम्मत करेंगे?

📊 राजनीतिक विश्लेषण

  • 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले यह मुद्दा राजनीतिक रूप से विस्फोटक बनता जा रहा है
  • राज्य की सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता पर असर पड़ने की आशंका
  • विशेषज्ञों का मानना है कि SIR को लेकर सामाजिक संवाद और पारदर्शिता बेहद जरूरी है

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा SIR की आड़ में बंगाल में NRC लागू करने की योजना बना रही है। वे भ्रम फैलाने और राज्य की सामाजिक समानता को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य की जनता के नाम संदेश में कहा कि मैं हर नागरिक से अपील करती हूं।

उकसावे में न आएं। विश्वास न खोएं और कोई भी अतिवादी फैसला न लें। मातृभूमि और लोगों की हमारी सरकार आपके साथ है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च कर, फॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five − four =