कोलकाता | 30 अक्टूबर 2025 — पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर भारतीय चुनाव आयोग (EC) ने बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) पर सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि SIR की सफलता BLOs की सक्रियता पर निर्भर करती है और जो BLOs आज दोपहर 12 बजे तक कार्यभार नहीं संभालते, उनके खिलाफ निलंबन जैसी कार्रवाई की जा सकती है।
⚠️ BLOs को अल्टीमेटम
- कार्यभार न संभालने वाले BLOs को सस्पेंड किया जा सकता है
- आयोग ने कहा कि SIR एक नियमित प्रक्रिया है, जिसे समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पूरा करना जरूरी है
- सभी BLOs को निर्देश दिया गया है कि वे समय पर रिपोर्ट करें
📞 वोटर्स के लिए हेल्पलाइन 1950
- SIR से पहले वोटर्स की शंकाओं को दूर करने के लिए हेल्पलाइन 1950 शुरू की गई
- नेशनल कॉन्टैक्ट सेंटर अब सभी राज्यों के लिए सेंट्रल हेल्पलाइन के रूप में काम करता है
- समय: रोज सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक
- सेवाएं:
- वोटर रोल से जुड़ी जानकारी
- शिकायतें दर्ज करना
- फीडबैक देना
- ज़िला और राज्य स्तर की सहायता
पश्चिम बंगाल में वोटर रोल के SIR के बारे में ट्रांसपेरेंसी बनाए रखने और लोगों के शक दूर करने के लिए इलेक्शन कमीशन (EC) ने वोटर हेल्पलाइन 1950 शुरू की है। लोगों को बताया गया है कि वे अब वोटर रोल से जुड़े सवाल पूछने और शिकायतें दर्ज करने के लिए, अलग-अलग राज्य और ज़िला लेवल की सर्विस के साथ हेल्पलाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
🧾 चुनाव आयोग की सफाई
- आयोग ने कहा कि SIR का उद्देश्य मृत, पलायन कर चुके या डुप्लिकेट वोटर्स के नाम हटाना है
- बिहार समेत कई राज्यों में यह प्रक्रिया पहले भी सफलतापूर्वक लागू की गई
- किसी भी असली वोटर का नाम नहीं हटाया जाएगा, यह आयोग की प्रतिबद्धता है
उन्होंने कहा, ‘SIR कमीशन की देखरेख में एक रेगुलर प्रोजेक्ट है। बिहार समेत दूसरे राज्यों में भी इसी तरह की एक्सरसाइज की गई हैं और किसी भी असली वोटर का नाम नहीं छूटेगा।’ ज्यादा क्लैरिटी देने और वोटर का भरोसा पक्का करने के लिए EC ने कई हेल्प चैनल एक्टिवेट किए हैं।

🧠 पारदर्शिता और भरोसे का संदेश
- EC ने कहा कि यह पहल ट्रांसपेरेंट और सबको साथ लेकर चलने वाले चुनावी प्रोसेस का हिस्सा है
- ट्रेंड स्टाफ हेल्पलाइन पर मौजूद हैं, जो वोटर्स की हर चुनावी समस्या में मदद करेंगे
- आयोग ने सभी योग्य वोटर्स से हेल्पलाइन और डिजिटल चैनल्स का उपयोग करने की अपील की
कमीशन ने सभी एलिजिबल वोटर्स से कहा है कि वे जानकारी लेने, फीडबैक देने या कोई शिकायत बताने के लिए 1950 हेल्पलाइन और दूसरी सर्विसेज का इस्तेमाल करें। यह एक ट्रांसपेरेंट और सबको साथ लेकर चलने वाले चुनावी प्रोसेस के लिए उसके कमिटमेंट को दिखाता है।
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