बंगाल में SIR को लेकर बड़ी कार्रवाई, 1000 BLO को चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस

कोलकाता | 22 अक्टूबर 2025 : पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। चुनाव आयोग ने राज्य के लगभग 1000 BLOs को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिन्होंने SIR कार्य से मुक्ति की मांग की थी।

📍 क्या है मामला?

  • चुनाव आयोग ने हाल ही में BLOs की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की
  • कई BLOs, विशेष रूप से शिक्षक वर्ग, ने नियुक्ति पत्र स्वीकार करने से इनकार किया
  • राज्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने सचिव विनोद कुमार को सूचित किया कि

    “कई जिला मजिस्ट्रेटों और निर्वाचन अधिकारियों की रिपोर्ट में यह सामने आया है कि BLOs नियुक्ति नहीं ले रहे हैं।”

आयोग ने कुछ दिन पहले ही बीएलओ की नियुक्ति शुरू की है। कुछ दिन पहले ही राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने अपने सचिव विनोद कुमार को सूचित किया था कि कई जिला मजिस्ट्रेटों और जिला निर्वाचन अधिकारियों की रिपोर्ट से पता चलता है कि कई शिक्षक बीएलओ के नियुक्ति पत्र स्वीकार नहीं कर रहे हैं। उनसे नियुक्ति न चाहने का कारण बताने को कहा गया है।

⚠️ आयोग की प्रतिक्रिया

  • 1000 BLOs को कारण बताओ नोटिस जारी
  • उनसे पूछा गया है कि उन्होंने नियुक्ति स्वीकार क्यों नहीं की
  • आयोग ने स्पष्ट किया है कि SIR प्रक्रिया में कोई ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी
  • मुख्य सचिव मनोज पंत को भी निर्देश भेजे गए हैं, ताकि नियुक्तियों में पारदर्शिता बनी रहे

इससे पहले भी कई बीएलओ को इसी कारण से कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। उन्हें नोटिस मिलने के 72 घंटों के भीतर जवाब देने का भी आदेश दिया गया। बिहार में SIR का दौर खत्म हो गया है। इसके तुरंत बाद मतदाता सूची जारी हो चुकी है।

आयोग ने कहा कि यह सर्वेक्षण न केवल बिहार में, बल्कि पूरे देश में कराया जाएगा। राज्य में एसआइआर की तैयारियां जोरों पर हैं। सभी जिलों में मतदाता सूची की मैपिंग और अपलोडिंग का काम तेजी से किया जा रहा है।

🔍 SIR की स्थिति और राजनीतिक पृष्ठभूमि

  • SIR प्रक्रिया त्योहारों के बाद नवंबर में शुरू होने की संभावना है
  • ममता बनर्जी सरकार ने आरोप लगाया है कि

    “चुनाव अधिकारी राजनीतिक दबाव में काम कर रहे हैं”

  • आयोग ने जवाब में कहा कि ERO और BLO की नियुक्ति में कोई समझौता नहीं होगा

सूत्रों के अनुसार ‘मैपिंग’ के मामले में 2002 की एसआइआर सूची का मिलान नवीनतम प्रकाशित मतदाता सूची से किया जा रहा है। ऐसे में इस बार आयोग ने एक-एक करके बीएलओ को कारण बताओ नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।

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