SIR process accelerated in Bengal

बंगाल में SIR प्रक्रिया में तेजी: चुनाव आयोग की चेतावनी के बाद ड्यूटी पर लौटे BLO

कोलकाता | 31 अक्टूबर 2025 — पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर चुनाव आयोग की सख्ती रंग लाई है। 143 बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs), जो पहले ड्यूटी से अनुपस्थित थे, अब निर्धारित समय के भीतर कार्यभार संभाल चुके हैं

⚠️ चेतावनी के बाद 24 घंटे में बदलाव

  • बुधवार को चुनाव आयोग ने सख्त निर्देश जारी किए
  • चेतावनी दी गई कि गुरुवार तक ड्यूटी पर न लौटने वालों के खिलाफ निलंबन और विभागीय कार्रवाई की जाएगी
  • गुरुवार सुबह तक सभी BLOs ड्यूटी पर लौट आए, जिला प्रशासन ने इसकी पुष्टि की
जिला प्रशासन ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय को सूचित किया कि कूचबिहार, मुर्शिदाबाद और कोलकाता उत्तर जैसे निर्वाचन क्षेत्रों के सभी संबंधित अधिकारी निर्धारित समय के भीतर ड्यूटी पर लौट आए।

🏫 शिक्षा विभाग को पत्र

  • मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने राज्य शिक्षा विभाग को पत्र लिखा
  • निर्देश दिया गया कि BLO के रूप में नियुक्त सभी स्कूल शिक्षक तुरंत कार्यभार संभालें
  • पत्र के बाद स्थिति में तेजी से सुधार हुआ

उन्होंने कहा, “सभी 143 बीएलओ आज ड्यूटी पर लौट आए हैं। हमें संबंधित जिलों के अधिकारियों से पुष्टि मिल गई है। किसी भी जिला मजिस्ट्रेट से अनुपालन ना करने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।”

📊 राज्य में BLOs और SIR की स्थिति

  • पश्चिम बंगाल में कुल 80,681 मतदान केंद्र
  • प्रत्येक केंद्र पर एक BLO नियुक्त, जो मतदाता सूची प्रबंधन और सत्यापन का कार्य करते हैं
  • SIR प्रक्रिया अगले साल की शुरुआत तक जारी रहेगी, जिसमें नामों की पुष्टि, संशोधन और अपडेशन शामिल है

पश्चिम बंगाल में कुल 80,681 मतदान केंद्र हैं, जिनमें से प्रत्येक को मतदाता सूची प्रबंधन और सत्यापन के लिए एक बीएलओ नियुक्त किया गया है। चुनाव आयोग ने हाल ही में मतदाता सूचियों को अपडेट और सही करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा की है, जो अगले साल की शुरुआत तक जारी रहेगा।

🧠 BLOs की नियुक्ति और प्रशिक्षण

  • भर्ती और प्रशिक्षण प्रक्रिया पिछले सात महीने से चल रही थी
  • कई BLOs कार्यभार संभालने में अनिच्छुक थे
  • बार-बार निर्देशों के बावजूद अनुपालन में कमी, जिससे SIR की तैयारी बाधित हो रही थी

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अधिकारियों के अनुसार बीएलओ की भर्ती और प्रशिक्षण प्रक्रिया लगभग सात महीने से चल रही थी। हालांकि कई नियुक्त बीएलओ कार्यभार संभालने में अनिच्छुक थे, जिससे आगामी मतदाता सूची पुनरीक्षण से संबंधित तैयारी कार्य बाधित हो रहा था।

बार-बार निर्देशों के बावजूद अधिकारियों का एक वर्ग ना तो अपने निर्धारित पदों पर आया और ना ही प्रशिक्षण सत्रों में शामिल हुआ। 

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च कर, फॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five × 3 =