कोलकाता | 3 नवंबर 2025 : देशभर में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई तेज़ है और इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल में फर्जी पासपोर्ट घोटाले से जुड़े मामले में एक बढ़ई को गिरफ्तार किया गया है।
ED अधिकारियों के अनुसार, यह व्यक्ति फर्जी पासपोर्ट तैयार करने में सक्रिय रूप से शामिल था, और इनमें से कई दस्तावेज विदेश भेजे गए थे।
📍 क्या मिला छापेमारी में?
- महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए
- आरोपी का पेशा बढ़ई है, लेकिन वह पासपोर्ट फॉर्मेटिंग और डिटेलिंग में प्रशिक्षित था
- ED ने कहा:
“हम इस व्यक्ति से पूछताछ कर रहे हैं और नेटवर्क की तह तक जाने की कोशिश कर रहे हैं।”
अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए हैं। अधिकारियों ने साफ किया कि गिरफ्तार किया गया व्यक्ति बढ़ई का काम करता है। इसके साथ ही वह फर्जी पासपोर्ट बनाने में भी शामिल था। हम तलाशी ले रहे हैं और इस व्यक्ति से पूछताछ भी करेंगे।

🧑✈️ पहले भी हुई थी गिरफ्तारी
- अक्टूबर में चकदाह से इंदुभूषण हलदर को गिरफ्तार किया गया था
- उस पर अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को पासपोर्ट दिलाने में पाकिस्तानी एजेंट की मदद करने का आरोप है
- हलदर से पूछताछ के दौरान ही बढ़ई का नाम सामने आया, जिससे जांच का दायरा बढ़ा
उन्होंने बताया कि ईडी के अधिकारियों ने अक्टूबर में चकदाह से इंदुभूषण हलदर नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इस पर अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के पासपोर्ट हासिल करने में एक पाकिस्तानी एजेंट की कथित तौर पर मदद करने के आरोप था।
अधिकारी ने बताया कि हलदर से पूछताछ के दौरान बढ़ई का नाम सामने आया है। आगे जांच की जा रही है. इसके साथ ही कई अन्य नाम और भी सामने आ सकते हैं।
🌐 अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की आशंका
- शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि फर्जी दस्तावेज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार और भेजे जा रहे थे
- ED अब यह पता लगाने में जुटी है कि इन पासपोर्ट का इस्तेमाल किन देशों में हुआ
- सूत्रों के अनुसार, रैकेट का मास्टरमाइंड अब तक सामने नहीं आया है, लेकिन जल्द ही कई बड़े नाम उजागर हो सकते हैं
प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस पूरे नेटवर्क की तह तक जाने में जुटी है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि इस रैकेट का मास्टरमाइंड कौन था। इसके साथ ही इस बात का भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इन फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल किन देशों में हुआ है।
🔍 जांच के प्रमुख एंगल
- फर्जी पहचान पत्रों की श्रृंखला
- बॉर्डर क्रॉसिंग और वीज़ा फ्रॉड
- डिजिटल उपकरणों से डेटा रिकवरी
- पाकिस्तानी एजेंट की भूमिका और विदेशी फंडिंग की जांच
ईडी सूत्रों के अनुसार, शुरुआती जांच में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फर्जी दस्तावेज तैयार करने और उन्हें भेजने का भी शक है। फिलहाल टीम पूरे मामले की जांच में लगी हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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