Virtual room created in every district of Bengal government

बंगाल सरकार के हर जिले में बना वर्चुअल कक्ष

कोलकाता। प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने और अदालत में उनकी भौतिक उपस्थिति को कम करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने एक नया कदम उठाया है। राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले में स्थायी वर्चुअल कक्ष स्थापित किए हैं, जहां से अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठकें कर सकेंगे।

नवान्न के एक अधिकारी ने बताया कि पहले भी वर्चुअल माध्यम से बैठकें होती थीं, लेकिन कोरोना महामारी के बाद इनका चलन बढ़ गया है। अदालत ने भी वर्चुअल माध्यम से सुनवाई और बैठकें करने की सलाह दी है। ऐसे में स्थायी ढांचे की जरूरत महसूस की गई।

इस पहल के तहत राज्य भर में 392 वर्चुअल कक्ष बनाए गए हैं, जिनका इस्तेमाल महत्वपूर्ण विभागों, स्वास्थ्य, शिक्षा और नगरपालिका मामलों में किया जाएगा।

Virtual room created in every district of Bengal government

पिछले वर्ष, कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य की जेलों में बंद कैदियों की देखरेख के लिए ‘जिला समिति’ बनाने का निर्देश दिया था। इस समिति में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल किए गए थे।

हालांकि, शिकायतें मिलीं कि ये वरिष्ठ अधिकारी कई बार बैठक में उपस्थित नहीं होते और अपने अधीनस्थ अधिकारियों को भेज देते हैं। हाईकोर्ट ने इस पर आपत्ति जताई और स्पष्ट किया कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारी किसी और पर नहीं छोड़ सकते।

इसके बाद जेल बंदियों से संबंधित मामलों में वर्चुअल बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

राज्य सरकार के अनुसार, इन वर्चुअल कक्षों का उपयोग केवल प्रशासनिक बैठकों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अदालत की कार्यवाही में भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा।

कई बार विभिन्न विभागों के अधिकारियों को अदालत में तलब किया जाता है, जिसके लिए उन्हें यात्रा करनी पड़ती है और समय नष्ट होता है। अब वे इन वर्चुअल कक्षों से ही अदालत की कार्यवाही में शामिल हो सकेंगे।

Virtual room created in every district of Bengal government

यह प्रक्रिया पूरी तरह से नियमों के तहत होगी और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अदालत की सुनवाई में भाग लेना कानूनी रूप से मान्य होगा।

नवान्न के अधिकारियों का मानना है कि यह पहल प्रशासनिक कार्यों को अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगी और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करेगी, जिससे न्यायिक प्रक्रियाओं को भी गति मिलेगी।

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