विनय की लघुकथा : देशद्रोही!

देशद्रोही!

विजय चौक पर दो लोग आपस में भिड़ गए।
देखते ही देखते वहां भीड़ जमा हो गई..

हंगामा होता रहा, वाक्युद्ध से हाथापाई की नौबत आ गई।

तभी भीड़ देख पुलिस वाले वहां पहुंच गए।

पुलिस ने दोनों को फटकार लगाई और पूछा
क्यों भाई! किस बात पे लड़ रहे हो?

उनमें से एक बोला : ये देशद्रोही है सर।

पुलिस ने पूछा : क्या किया है इसने?

युवा बोला : ये हमारे देश को अपना मुल्क कह रहा है…

Vinay
विनय कुमार, युवा पत्रकार व लेखक

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