विद्यासागर कॉलेज फॉर वीमेन
कोलकाता – 700006
एनएएसी (NAAC)तीसरा चक्र प्रत्यायन (2025)
‘ए’ ग्रेड (CGPA 3.05) प्राप्त करने की औपचारिक रिपोर्ट
- 1. प्रस्तावना :
विद्यासागर कॉलेज फॉर वीमेन, कोलकाता, पूर्वी भारत में महिला शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र, राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा आयोजित तीसरे चक्र के मूल्यांकन में ‘ए’ ग्रेड (7-बिंदु पैमाने पर CGPA 3.05) से सम्मानित हुआ है। यह प्रतिष्ठित उपलब्धि हमारे संस्थान की अकादमिक उत्कृष्टता, समावेशी विकास, डिजिटल नवाचार, सामाजिक सेवा, और मूल्य-आधारित शिक्षा के प्रति सतत प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
यह रिपोर्ट इस सफलता के प्रमुख आधारों का विश्लेषणात्मक और ऐतिहासिक प्रस्तुतीकरण करती है, जिसकी जड़ें पंडित ईश्वरचंद्र विद्यासागर की दूरदर्शी सोच में निहित हैं।
- 2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और विरासत
विद्यासागर कॉलेज फॉर वीमेन की स्थापना का इतिहास 1872 में पंडित ईश्वरचंद्र विद्यासागर द्वारा स्थापित मेट्रोपॉलिटन संस्था से जुड़ा है। महिलाओं की शिक्षा के लिए समर्पित यह खंड 1960 में एक स्वतंत्र महिला महाविद्यालय के रूप में विकसित हुआ। ‘ज्ञान’, ‘त्याग’ और ‘सेवा’ की मूलभूत भारतीय शिक्षागत अवधारणाओं से प्रेरित यह महाविद्यालय परंपरा और आधुनिकता का समन्वय है।
यह एक सरकारी सहायता प्राप्त साझा संस्थान है जो मुख्यतः ग्रामीण और अर्ध-शहरी पृष्ठभूमि की प्रथम पीढ़ी की छात्राओं को सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है।
- 3. पथप्रदर्शक व्यक्तित्व: पंडित ईश्वरचंद्र विद्यासागर
बंगाल पुनर्जागरण के अग्रदूत, पंडित ईश्वरचंद्र विद्यासागर (1820–1891) ने नारी शिक्षा और सामाजिक समानता की नींव रखी। वे आधुनिक बांग्ला गद्य के निर्माता, विधवा पुनर्विवाह के समर्थक और सार्वभौमिक शिक्षा के प्रबल पक्षधर थे।

उनके आदर्श आज भी इस महाविद्यालय की प्रेरणा हैं—समावेशिता, नैतिकता, तर्कशीलता, और मानव सेवा। महाविद्यालय उनके नाम को धारण करते हुए उनके मिशन को साकार कर रहा है।
- 4. शैक्षणिक उत्कृष्टता और पाठ्यक्रम विकास
मानदंड I (पाठ्यचर्या पक्ष) में 3.09 अंक प्राप्त कर महाविद्यालय ने यह सिद्ध कर दिया है कि उसका पाठ्यक्रम समकालीन, मूल्य-आधारित और बहु-विषयक है। शिक्षण विधियों में ICT, कार्यशालाएँ, सेमिनार, और छात्रों के फीडबैक तंत्र ने शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ किया है।
- 5. शिक्षण–अधिगम प्रक्रिया और मूल्यांकन
मानदंड II में 2.95 अंक प्राप्त हुए। महाविद्यालय ने छात्र-केंद्रित शिक्षा पद्धति को अपनाया है, जिसमें योग्य शिक्षकगण, ICT युक्त कक्षाएँ, इंटरएक्टिव डिस्प्ले बोर्ड, LMS और स्मार्ट टूल्स के माध्यम से डिजिटल समावेशिता सुनिश्चित की गई है।
- 6. अनुसंधान, नवाचार, और विस्तार गतिविधियाँ
मानदंड III में 2.71 अंक अर्जित किए गए, जो यह दर्शाता है कि महाविद्यालय अनुसंधान संस्कृति और सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा दे रहा है। NSS और छात्रों द्वारा संचालित विभिन्न सामाजिक परियोजनाएँ इस दिशा में उल्लेखनीय रही हैं।
- 7. भौतिक संसाधन और अधिगम सुविधाएँ
मानदंड IV में सबसे अधिक 3.25 अंक प्राप्त हुए। सभी कक्षाएँ वातानुकूलित हैं और इंटरएक्टिव डिस्प्ले बोर्ड से युक्त हैं। पुस्तकालय RFID सक्षम है और 24×7 वाई-फाई की सुविधा है। कंप्यूटर प्रयोगशालाएँ, डिजिटल कॉमन रूम, और सेमिनार कक्ष आधुनिक अधिगम के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करते हैं।
- 8. प्रशासन, नेतृत्व और संस्थागत मूल्य
मानदंड VI में 3.08 अंक यह दर्शाते हैं कि महाविद्यालय में नेतृत्व दूरदर्शी है, शासन सहभागी है, और प्रशासनिक ढांचा प्रभावी है। IQAC और शासी निकाय मिलकर रणनीतिक योजना, वित्तीय पारदर्शिता, और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय हैं।
9. श्रेष्ठ परंपराएँ और विशिष्ट पहचान
- मानदंड VII में 3.11 अंक महाविद्यालय की विशिष्ट पहचानों को रेखांकित करते हैं:
- निर्धन और प्रतिभाशाली छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा एवं आवास सुविधा।
- लिंग संवेदनशीलता, आत्मरक्षा प्रशिक्षण और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम।
- प्लास्टिक मुक्त परिसर, वर्षा जल संचयन और ऊर्जा संरक्षण की पहलें।
- यह संस्थान सामाजिक न्याय और समानता को अपने केंद्र में रखता है।
10. ग्रेड का औचित्य और तुलनात्मक मजबूती
NAAC ग्रेड शीट, QlM और QnM मेट्रिक्स यह दर्शाते हैं कि महाविद्यालय ने सभी क्षेत्रों में संतुलित उत्कृष्टता प्राप्त की है। NAAC टीम ने सीमित संसाधनों में भी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के प्रयासों की सराहना की और इसे पश्चिम बंगाल में साझा सरकारी सहायता प्राप्त महिला महाविद्यालयों में अग्रणी बताया।
यह राज्य का पहला और एकमात्र ऐसा साझा महाविद्यालय है जिसे NAAC के तीसरे चक्र में ‘ए’ ग्रेड प्राप्त हुआ है—यह एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायी उपलब्धि है।
11. निष्कर्ष
- ‘ए’ ग्रेड (CGPA 3.05) की प्राप्ति केवल एक मान्यता नहीं है, यह एक प्रेरणा है। भविष्य की योजनाओं में शामिल हैं:
- अनुसंधान सहयोग और परियोजनाओं में वृद्धि
- उद्योग और अकादमिक संस्थानों के साथ जुड़ाव
- कौशल विकास के माध्यम से करियर उन्मुख शिक्षा
- महिला सशक्तिकरण हेतु निरंतर सामाजिक भागीदारी
यह प्रत्यायन हमारे लिए एक मील का पत्थर भी है और एक मिशन भी—एक ऐसा मिशन जो विरासत में निहित है, समावेशिता में रचा-बसा है, और नवाचार से सशक्त है।
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