
कैविटी और दांतों की सड़न के बढ़ते मामले
कोलकाता। आजकल कैविटी और दांतों की सड़न आम समस्या बन चुकी है, बच्चे हों या बड़े, यह समस्या किसी को भी हो सकती है। मुंह की साफ-सफ़ाई का ध्यान न रखने, ज़्यादा मात्रा में मीठे खाद्य पदार्थों या कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का सेवन करने से यह समस्या बढ़ जाती है। अगर दांतों की देखभाल ठीक से न की जाए तो इसमें दर्द बढ़ सकता है और कभी-कभी महंगे इलाज या यहां तक कि दांत निकलवाने तक की नौबत आ जाती है। ऐसे में कैविटी और दांतों की सड़न से बचने के लिए दांतों की सही देखभाल करनी चाहिए। इसके अलावा कैविटी होने पर समय पर इलाज कराना भी ज़रूरी है, क्योकी ऐसा न करने से कैविटी बढ़ती चली जाती है और गंभीर समस्या जैसे इन्फेक्शन तक का कारण बन सकती है।
कैविटी और दांतों की सड़न का मुख्य कारण: कैविटी दांतों पर प्लॉक जमने के कारण होती है, प्लॉक बैक्टीरिया की चिपचिपी परत है, जो दांतों के उपर बन जाती है। अगर आप मीठे या स्टार्च से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो ये बैक्टीरिया आसानी से पनपते हैं, जिससे दांतों पर प्लॉक जमने लगता है और दांत सड़ने लगते हैं। इसके अलावा मीठे खाद्य पदार्थों से मुंह में एसिड भी बनता है, जिससे कैविटी की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही खाने के बीच-बीच में कुछ कुछ खाने से, खासतौर पर मीठे खाद्य पदार्थों के सेवन से दांतों के सड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
कैविटी की रोकथाम के लिए आयुर्वेदिक उपाय: कैविटी से बचने के लिए आयुर्वेदिक उपाय बेहद कारगर हैं। लौंग, नीम और अदरक जैसे इन्ग्रीडिएन्ट्स को मुंह की देखभाल के लिए बेहतरीन माना जाता है, इनमें एंटी-बैक्टीरियल एवं एंटी-इन्फ्लामेटरी गुण होते हैं। ये प्राकृतिक इन्ग्रीडिएन्ट्स बैक्टीरिया से लड़ने में कारगर हैं, प्लॉक बनने से रोकते हैं और मसूड़ों को मजबूत बनाते हैं। उदाहरण के लिए एनाल्जेसिक गुणों के चलते लौंग का तेल दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है।
इसी तरह नीम अपने एंटी-बैक्टीरियल गुणों की वजह से मुंह में बैक्टीरिया को पनपने से रोकता है। अदरक में एंटी-इन्फ्लामेटरी गुण होते हैं। इन सभी इन्ग्रीडिएन्ट्स से बना डाबर रैड पेस्ट प्राकृतिक तरीके से मुंह की देखभाल करता है और कैविटी होने से बचाता है। इसके अलावा डाबर रैड पेस्ट को इंडियन डेंटल एसोसिएशन की ओर से सील ऑफ एक्सेप्टेन्स भी मिली है, इससे साफ है कि यह भरोसेमंद ओरल केयर प्रोडक्ट है।
कैविटी की रोकथाम के लिए सुझाव: दिन में दो बार ब्रश करें, इसके लिए डाबर रैड पेस्ट जैसा क्लिनिकली टेस्टेड टूथपेस्ट इस्तेमाल करें, जो आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान का संयोजन है। ब्रश करने के लिए सही तरीका अपनाएं, तय करें कि दांत की हर सतह साफ हो जाए। चीनी का सेवन कम कर दें, ताकि मुंह में बैक्टीरिया न पनपे। नियमित रूप से अपने दांतों की जांच कराएं, ताकि कोई भी समस्या होने पर उसे जल्द पहचान कर तुरंत इलाज किया जा सके। दांतों से प्लॉक एवं टार्टर हटाने के लिए आप प्रोफेशनल क्लीनिंग भी करवा सकते हैं।
दांतों के बीच फंसे प्लॉक को निकालने के लिए रोज़ाना फ्लॉस का इस्तेमाल करें। ऐसा करना बेहद ज़रूरी है क्योंकि ब्रश दांतों के बीच नहीं पहुंच पाता। एंटीबैक्टीरियल माउथवॉश का उपयोग करें, इससे मुंह में बैक्टीरिया को पनपने से रोका जा सकेगा। मुंह में लार का प्रवाह भी ठीक से होना चाहिए, इससे एसिड की मात्रा ठीक बनी रहती है और इनेमल भी मजबूत होता है। बिना चीनी की गम चबाने से ज़्यादा मात्रा में लार बनती है।
निष्कर्षः दांतों को सुरक्षित रखें डाबर रैड पेस्ट जैसे प्राकृतिक प्रोडक्ट के साथ: कैविटी और दांतों की सड़न को रोकने के लिए सही देखभाल करना ज़रूरी है। आयुर्वेदिक अवयवों जैसे लौंग, नीम और अदरक से बना यह टूथपेस्ट प्लॉक और बैक्टीरिया से प्राकृतिक सुरक्षा देता है। रोज़ाना डाबर रैड टूथपेस्ट इस्तेमाल करें और स्वस्थ एवं मजबूत दांत पाएं। यह लेख डॉ सोनिया दत्ता, एमडीएस, पीएचडी प्रोफेसर, पब्लिक हेल्थ डेन्टिस्ट्री द्वारा लिखा गया है।
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