यूक्रेन ने रूस के घर में 4 हजार किमी. अंदर घुसकर ऑपरेशन स्पाइडर वेब को सफल अंजाम देने से पूरा विश्व हैरान!

18 महीनों का प्लान 117 ड्रोन, 41 बम्बर्स जेट तबाह
वैश्विक स्तर पर अब मिलिट्री संघर्ष का आधार ड्रोन वार होने की संभावना- यूक्रेन के ऑपरेशन स्पाइडर वेब से दुनिया सतर्क
यूक्रेन द्वारा रूस में 4 हजार किमी. अंदर तस्करी से घुसकर 117 ड्रोन ऑपरेटर सहित एयरबेसो के पास पहुंच कर 41 बॉम्बर्स जेट को उड़ाया भारी सुरक्षा चूक- विश्व को हाई अलर्ट पर सुरक्षा संज्ञान लेना जरूरी

अधिवक्ता किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर पूरी दुनिया में गुटबाजी युद्ध के दौर में नई-नई हैरत अंगेज युद्ध रणनीतियों को देखकर अपने आपको पूर्ण विकसित देशों की श्रेणी में रखने वाले देश भी आज दांतों तले उंगली दबा रहे हैं कि ऑपरेशन स्पाइडर वेब (मकड़ी का जाल) को आखिर अपने अंजाम तक पहुंचने में रूस जैसा पूर्ण विकसित देश अपनी सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे कर सकता है कि 117 ड्रोन रूस की सीमा में करीब 4000 किलोमीटर से अधिक तक अंदर में घुसकर पांच हवाई ठिकानों के 41 बॉम्बर्स जेट तबाह कर सकता है। मेरे जैसा सामान्य आदमी तो यह बात सपने में भी नहीं सोच सकता! इसकी तुलना अब 1941 के पर्ल हार्बर अटैक से की जा रही है। यूक्रेन के ड्रोन अटैक को पर्ल हार्बर अटैक से जोड़ा जा रहा है। इस हमले में जिस तरह यूक्रेन ने रूस को चौंकाया है, उसी तरह से 1941 में जापान ने अमेरिका को अपने हमले से चौंकाया था। दिसंबर, 1941 को जापान ने पर्ल हार्बर में एक आश्चर्यजनक हवाई हमला करते हुए अमेरिकी नौसैनिक अड्डे को तबाह किया था। इस हमले में 2,403 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। पर्ल हार्बर हमले को अमेरिका के द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल होने की वजह माना जाता है।

हालांकि ऑपरेशन स्पाइडर वेब के पीछे बड़ी ताकतों का हाथ होगा? परंतु यहां सवाल यह है खड़ा होता है कि यह 117 ड्रोन ऑपरेटर सहित रूस के 4000 किलोमीटर अंदर तक घुसने और पांच हवाई ठिकानों के पास पहुंचकर रिमोट से 41 बॉम्बर्स जेट्स को उड़ा दिया व रूस को पता ही नहीं चला। बता दें रिमोट का उपयोग ड्रोन के 20 किलोमीटर के दायरे से किया जा सकता है जो रूस की भारी सुरक्षा चूक का नतीजा हो सकता है। जिसका पूरी दुनिया को स्वतः संज्ञान लेकर, सीमा सुरक्षा को चाक चौबंद करना जरूरी हो गया है। चूँकि अब वैश्विक स्तर पर मिलिट्री संघर्ष का आधार ड्रोन वार हो सकता है, यूक्रेन के ऑपरेशन स्पाइडर वेब से दुनिया सतर्क हो गई है। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, यूक्रेन ने रूस के घर में 4000 किलोमीटर अंदर घुसकर ऑपरेशन स्पाइडर वेब को सफल अंजाम देने से पूरा विश्व हैरान। 18 महीनों का प्लान, 117 ड्रोन से 41 बॉम्बर्स जेट तबाह कर दिया!

साथियों बात अगर हम दिनांक 1 जून 2025 को यूक्रेन द्वारा रूस के घर में 4 हजार किलोमीटर अंदर घुसकर ऑपरेशन स्पाइडर वेब के क्रियान्वयन को समझने की करें तो, रविवार को रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से जारी जंग में एक नया मोड़ आया, जिस यूक्रेन के बारे में सब कहते थे कि वह अमेरिका से मिले हथियारों के दम पर जंग लड़ रहा है, उसने ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’ के साथ ही सबका मुंह बंद कर दिया। यूक्रेन के ड्रोन ने दुश्‍मन के घर में घुसकर उसके 40 बॉम्‍बर्स जेट्स पूरी तरह से खत्‍म कर दिए है। मीडिया न्‍यूज की मानें तो यूक्रेन ने इस ‘पर्लहार्बर’ मोमेंट के साथ ही रूस को दो अरब डॉलर से भी ज्‍यादा की चोट पहुंचाई है।

यूक्रेन का यह ड्रोन हमला भारत की तरफ से पाकिस्‍तान के खिलाफ की गई कार्रवाई अभियान ऑपरेशन सिंदूर के कुछ ही हफ्तों बाद हुआ है, ऐसे में भारत भी इससे बड़े सबक सीख सकता है। क्‍योंकि अब जंग का मैदान तेजी से हर पल बदल रहा है। यूक्रेन ने रूस के चार बड़े एयरबेस पर ड्रोन अटैक किए थे, जिसमें पहला था ओलेन्या एयरबेस जो यूक्रेन की सीमा से 1800 किलोमीटर दूर मौजूद है। दूसरा है इवानावो एयरबेस, यूक्रेन की सीमा से इस टारगेट की दूरी 1 हजार किलोमीटर है। टारगेट किए गए तीसरे एयरबेस का नाम है डिगिलेव जो यूक्रेनी बॉर्डर से 500 किलोमीटर दूर मौजूद है और चौथे एयरबेस का नाम है बेलाया, जो यूक्रेनी बॉर्डर से चार हजार तीन सौ किलोमीटर दूर है।

पिछले तीन सालों से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में सैकड़ों मौकों पर ड्रोंस का इस्तेमाल किया गया है लेकिन ये पहली बार था जब कोई ड्रोन 4 हजार किलोमीटर दूर तक चला गया हो। अब सवाल उठ रहा है कि यूक्रेन के ड्रोन 4 हजार किलोमीटर दूर चले गए और रूस के एयर डिफेंस या राडार को खबर भी नहीं लगा ऐसा कैसे संभव हो सकता है?

साथियों बात अगर हम ऑपरेटरों सहित 117 ड्रोन को 4000 किलोमीटर अंदर तस्करी से रूस में पहुंचने को समझने की करें तो, कैसे दिया गया ऑपरेशन को अंजाम? यूक्रेनी राष्ट्रपति ने मीडिया बताया है कि इस ऑपरेशन में इस्तेमाल किए गए 117 ड्रोन के साथ ड्रोन ऑपरेटरों की समान संख्या शामिल थी। यूक्रेन ने रूस में लक्ष्यों पर हमला करने के लिए सीधे ड्रोन लॉन्च करने के बजाय एक अलग और बेहद नया तरीका अपनाया। विस्फोटकों से भरे यूक्रेनी ड्रोन्स को लकड़ी के ढांचे के अंदर छिपाकर रूस में तस्करी के जरिए पहुंचाया गया। इन लकड़ी के ढांचे को ट्रकों पर लादा गया था, जो एयरबेस के पास तक पहुंचाए गए।

यूक्रेनी सुरक्षा सूत्र के अनुसार, ये ट्रक टागरेटिड एयरबेस के पास तक पहुंचने के बाद आगे की कार्रवाई की गई। इन ड्रोन के अपने टारगेट पर पहुंचने के बाद लकड़ी के ढांचे की छतें दूर से खोली गईं। इसके बाद ड्रोन ने उड़ान भरी और हमला शुरू कर दिया। ऑपरेशन के सबसे दिलचस्प हिस्से को साझा करते हुए जेलेंस्की ने मीडिया में कहा कि रूसी क्षेत्र पर यूक्रेन के ऑपरेशन का संचालन करने के लिए ऑफिश एफएसबी के मुख्यालय के ठीक बगल में बनाया गया।

क्यों हो रही है पर्ल हार्बर से तुलना? यूक्रेन ने कहा है कि उसके ड्रोन हमलों में रूस के 41 विमानों को नुकसान पहुंचा है। रूस के न्यूक्लियर कैपेबल टीयू -95, टीयू -22 बमवर्षक और ए-50 विमान इस हमले में तबाह हुए हैं। यूक्रेन का कहना है कि इन विमानों का इस्तेमाल उसकी जमीन पर बमबारी करने के लिए किया गया था। रूसी रक्षा मंत्रालय ने माना है कि यूक्रेन के ड्रोन हमलों में मुरमांस्क, इरकुत्स्क, इवानोवोरियाजान और अमूर एयरबेस को निशाना बनाया गया है।

साथियों बात अगर हम ड्रोन वार भविष्य की हकीकत की करें तो, ड्रोन वॉर आने वाले समय में मिलिट्री संघर्ष का आधार होने वाले है, ड्रोन तेजी से मुख्‍य बल बनने की तरफ बढ़ चुके हैं, यूक्रेन का स्पाइडर वेब हमला इस बात का उदाहरण है कि यूएवी या अनमैन्‍ड ड्रोन कोई नई चीज नहीं हैं बल्कि आने वाले समय में युद्धों लड़ने के तरीके का आधार हैं, माना जाने लगा है कि सेना, दुश्मन के इलाके में गहराई तक जा सकती है और जेट को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है,सबसे बड़ी बात है कि एक भी पायलट का जीवन जरा भी खतरे में नहीं आ सकता है। इसलिए ड्रोन सिस्‍टम की तरफ बढ़ना चाहिए।

भारत ने अपने लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्‍टर्स और एयरट्रांसपोर्ट में दशकों तक रणनीतिक प्रयास किए हैं। लेकिन स्पाइडर वेब एक महत्वपूर्ण बात की पुष्टि करता है। वायु शक्ति का भविष्य मानव रहित, एआई ऑपरेटेड और लंबी दूरी का होने वाला है। भारत ने उस दिशा में शुरुआती कदम उठाए हैं, लेकिन अभी तक वह स्‍पीड नहीं पकड़ सका है जिसकी अपेक्षा की गई थी। यूक्रेन के ऑपरेशन से भारत को स्वदेशी ड्रोन, आर्म्‍ड यूएवी और ऑटोनमी बेस्‍ड हथियार सिस्‍टम पर कहीं ज्‍यादा आक्रामक तरीके से आगे बढ़ना चाहिए।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पर्यावरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि यूक्रेन ने रूस के घर में 4 हज़ार किमी. अंदर घुसकर ऑपरेशन स्पाइडर वेब (मकड़ी का जाल) को सफल अंजाम देने से पूरा विश्व हैरान- 18 महीनों का प्लान 117 ड्रोन, 41 बम्बर्स जेट तबाह। वैश्विक स्तर पर अब मिलिट्री संघर्ष का आधार ड्रोन वार होने की संभावना- यूक्रेन के ऑपरेशन स्पाइडर वेब से दुनिया सतर्क, यूक्रेन द्वारा रूस में 4 हजार किमी. अंदर तस्करी से घुसकर 117 ड्रोन ऑपरेटर सहित एयर बेसो के पास पहुंच जाकर 41 बमबर्स जेट को उड़ाया, भारी सुरक्षा चूक- विश्व को हाई अलर्ट पर सुरक्षा संज्ञान लेना जरूरी।

(स्पष्टीकरण : उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। यह जरूरी नहीं है कि कोलकाता हिंदी न्यूज डॉट कॉम इससे सहमत हो। इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है।)

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।     

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

seven − 5 =