देश के हर कोने तक पहुंच बनायेगी तृणमूल कांग्रेस: अभिषेक

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को यहां कहा कि उनकी पार्टी भविष्य में देश के हर कोने तक अपनी पहुंच बनायेगी। बनर्जी ने सिटी हब के धर्मतला इलाके में पार्टी की वार्षिक शहीद दिवस रैली को संबोधित करते हुए कहा, “मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं यह सुनिश्चित करुंगा कि पार्टी देश के कोने-कोने तक पहुंचे। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पार्टी पश्चिम बंगाल के बाहर अपना विस्तार करने की योजनाएं जारी रखेगी और 2024 के लोकसभा चुनावों में राज्य के बाहर भी सीट जीतेगी।

टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव ने यहां शहीद दिवस रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों के लिए टिकट ‘‘योग्यता के आधार पर दी जाएंगी न कि सिफारिशों पर’’। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग को भ्रष्टाचार के खिलाफ आगाह किया और कहा कि कोई भी पार्टी के अनुशासन से ऊपर नहीं है। बता दें, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे एक साल पहले पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था और पश्चिम बंगाल के बाहर पार्टी के विस्तार का जिम्मा सौंपा गया था। मैं तब तक नहीं रुकने वाला, जब तक कि देश में हर गली-नुक्कड़ पर हमारी पार्टी की मौजूदगी नहीं दिखती।

हम अगले लोकसभा चुनावों में राज्य के बाहर भी सीट जीतेंगे।’’ इससे पहले, बड़ी संख्या में लोग सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की विशाल शहीद दिवस रैली के लिए एस्प्लेनेड में एकत्र हुए। यह रैली बृहस्पतिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित की जा रही है। वर्ष 1993 में पश्चिम बंगाल पुलिस की फायरिंग में मारे गए कांग्रेस के 13 कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि देते हुए अभिषेक बनर्जी ने शहीद दिवस को पवित्र दिन करार दिया। गुरुवार को शहीद दिवस कार्यक्रम से पहले उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और ट्वीट किया कि यह पवित्र दिन है।

1993 में पुलिस फायरिंग में मारे गए 13 शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा हूं। शहीद दिवस के मौके पर हमें अपनी आवाज को और बुलंद करनी होगी। हम यह कहना चाहते हैं कि हम किसी के सामने झुकने वाले नहीं हैं। लोगों के लिए अपना सब कुछ  कुर्बान कर देंगे। उल्लेखनीय है कि 30 साल पहले हुई गोलीबारी की घटना में आज तक शहीद परिवारों को न्याय नहीं मिला है। 11 सालों से ममता बनर्जी शासन में हैं लेकिन आज भी फायरिंग करने वाले गिरफ्त में नहीं हैं और न ही शहीद परिवारों को कोई सहूलियत मिली है।

शहीद दिवस

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