वाराणसी। भारतीय ज्योतिष में मंगल ग्रह को ‘सेनापति’ का पद प्राप्त है, जो ऊर्जा, साहस, पराक्रम, दृढ़ संकल्प और युद्ध का प्रतिनिधित्व करता है। यह ग्रह प्रत्येक राशि में लगभग 45 दिनों तक गोचर करता है। जब यह अपनी स्वराशि वृश्चिक में प्रवेश करता है, तो यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण और शक्तिशाली ज्योतिषीय घटना बन जाती है। मंगल का यह गोचर 27 अक्टूबर 2025 को दिन के 3:53 बजे होगा। जो 7 दिसंबर 2025 तक रहेगा
📌 गोचर का महत्व और ‘रुचक राजयोग‘ : वृश्चिक राशि मंगल की अपनी ही राशि (स्वराशि) है, जो जल तत्व की एक स्थिर और गूढ़ प्रकृति वाली राशि है। जब कोई ग्रह अपनी स्वराशि में होता है, तो वह सबसे अधिक बलवान हो जाता है और अपने शुभफल पूरी क्षमता से देने लगता है। मंगल का वृश्चिक में गोचर होते ही ‘रुचक राजयोग’ का निर्माण होता है, जो ‘पंच महापुरुष योगों’ में से एक है। यह योग व्यक्ति को अपार बल, नेतृत्व क्षमता, भूमि-संपत्ति का लाभ और जीवन में सफलता दिलाने वाला माना जाता है।
📌 गोचर का सामान्य प्रभाव : मंगल की आक्रामक और वृश्चिक की गहन ऊर्जा मिलकर एक शक्तिशाली मिश्रण बनाती है।
📌 इस अवधि में : साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि: लोगों के भीतर आत्मविश्वास और जोखिम लेने की क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी होती है।
📌 जुनूनी कार्यशैली : कार्यों को लेकर एकाग्रता और जुनून अपने चरम पर होता है, जिससे लंबे समय से रुके हुए या जटिल कार्य भी पूरे होते हैं।
📌 भूमि और संपत्ति : चूंकि मंगल भूमि का कारक है, इसलिए रियल एस्टेट, कृषि और संपत्ति से जुड़े कार्यों में सफलता मिलती है और अटके हुए मामले सुलझ सकते हैं।

📌 रूपांतरण और रहस्य : वृश्चिक राशि परिवर्तन और गहरे रहस्यों से जुड़ी है। यह समय जीवन के उन क्षेत्रों को बदलने के लिए प्रेरित करता है, जहाँ सुधार की आवश्यकता है। रिसर्च, जासूसी, या गुप्त विद्या से जुड़े लोगों को विशेष सफलता मिलती है।
📌 भावनात्मक तीव्रता : संबंधों में तीव्रता और जुनून बढ़ सकता है, लेकिन साथ ही अत्यधिक भावुकता, ईर्ष्या या गुस्से पर नियंत्रण खोने की प्रवृत्ति भी बढ़ सकती है।
📌 राशियों पर विशिष्ट प्रभाव (संक्षेप में) :
📍मेष राशि: मेष राशि के जातकों के लिए मंगल का यह गोचर उनके आठवें भाव में होगा। यह गोचर आपके जीवन में अचानक परिवर्तन और गहनता ला सकता है। गुप्त और शोध से जुड़े मामलों में आपकी रुचि बढ़ सकती है। हालांकि, स्वास्थ्य और भावनात्मक गहराई से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी। पैतृक संपत्ति या अचानक धन लाभ के योग बन सकते हैं, लेकिन अनावश्यक विवादों से बचें। यह अवधि आपको अपने अंदर छिपी शक्ति को पहचानने और चुनौतियों का सामना करने का साहस देगी।
📍वृषभ राशि : वृषभ राशि वालों के लिए मंगल का यह गोचर उनके सातवें भाव में होगा, जो साझेदारी और वैवाहिक जीवन का भाव है। इस गोचर के दौरान जीवनसाथी या व्यावसायिक साझेदारों के साथ संबंधों में कुछ गर्माहट या तनाव आ सकता है, इसलिए आपको अपने गुस्से पर नियंत्रण रखने और संवाद में संतुलन बनाए रखने की सलाह दी जाती है। हालांकि, यह गोचर करियर में सफलता और लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आपकी ऊर्जा और आत्मविश्वास को बढ़ाएगा। दांपत्य जीवन में प्रेम और शांति के लिए आपसी समझदारी महत्वपूर्ण होगी।
📍मिथुन राशि : मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर उनके छठे भाव में होगा। यह गोचर आपके लिए शुभ परिणाम ला सकता है। आपकी कार्यक्षमता और आत्मविश्वास में जबरदस्त वृद्धि होगी। यह अवधि आपको अपने विरोधियों पर विजय दिलाने और कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता दिलाने में सहायक हो सकती है। नौकरीपेशा जातकों को कार्यस्थल पर उनकी मेहनत का फल मिलेगा और पदोन्नति या नई जिम्मेदारी मिलने की संभावना है। आर्थिक मामलों में सुधार होगा और आय में वृद्धि हो सकती है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह समय विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
📍कर्क राशि : कर्क राशि वालों के लिए, मंगल का यह गोचर पांचवें भाव में होता है। यह अवधि प्रेम संबंधों, संतान और शिक्षा के मामलों में अधिक ऊर्जा और उत्साह ला सकती है। आपके निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी और आप अपने रचनात्मक कार्यों में अधिक साहसी बनेंगे। हालांकि, आवेश में आकर प्रेम संबंधों में विवाद या बच्चों के साथ मतभेद हो सकता है। आपको अपनी वाणी और क्रोध पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है, अन्यथा पारिवारिक जीवन में कुछ चुनौतियाँ आ सकती हैं। विद्यार्थियों को पढ़ाई में सफलता मिलेगी लेकिन एकाग्रता भंग होने से बचना होगा।
📍सिंह राशि : सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर चौथे भाव में होगा। चौथा भाव सुख, माता, वाहन और भूमि से संबंधित है। इस गोचर के दौरान संपत्ति या वाहन खरीदने के योग बन सकते हैं। घर-परिवार में किसी बात को लेकर वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, इसलिए शांति बनाए रखें। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक होगा। यह गोचर आपको अपने घर की सुरक्षा या नवीनीकरण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित कर सकता है। काम के सिलसिले में घर से दूर यात्राएं हो सकती हैं।
📍कन्या राशि : कन्या राशि के लिए, मंगल का यह गोचर तीसरे भाव में होगा, जो साहस, पराक्रम, छोटे भाई-बहनों और संचार का भाव है। इस अवधि में आपके साहस और आत्मविश्वास में जबरदस्त वृद्धि होगी। आप ऊर्जा से भरपूर रहेंगे और हर कार्य को पूरी लगन के साथ पूरा करेंगे। भाई-बहनों से संबंध मजबूत होंगे, हालांकि छोटी-मोटी बहस भी संभव है। कार्यक्षेत्र में आपकी नेतृत्व क्षमता उभरेगी और आप सहकर्मियों को प्रेरित करेंगे। मीडिया, लेखन या मार्केटिंग से जुड़े लोगों को विशेष लाभ मिल सकता है। छोटी यात्राओं के योग भी बन रहे हैं
📍तुला राशि : तुला राशि के लिए, मंगल का गोचर दूसरे भाव (धन और वाणी) में होगा। यह गोचर आपके आर्थिक पक्ष को मजबूती देगा। आपको अचानक धन लाभ या रुका हुआ पैसा वापस मिल सकता है। हालांकि, यह गोचर आपकी वाणी में उग्रता ला सकता है। आपको अपनी भाषा पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होगी, नहीं तो परिवार में वाद-विवाद बढ़ सकता है। अपनी आक्रामकता पर नियंत्रण रखने से ही आप इस गोचर का अधिकतम लाभ उठा पाएंगे। किसी भी तरह के बड़े निवेश या जोखिम लेने से पहले सोच-विचार करें।
📍वृश्चिक राशि : वृश्चिक राशि के जातकों के लिए, मंगल का गोचर लग्न भाव (पहला भाव/व्यक्तित्व) में होगा, क्योंकि मंगल इस राशि के स्वामी हैं। यह अवधि आपके आत्मविश्वास, ऊर्जा और साहस को चरम पर ले जाएगी। आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अत्यधिक प्रेरित और दृढ़-संकल्पित रहेंगे। ‘रूचक योग’ बनने से आपको हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता मिलेगी। रुके हुए कार्य पूरे होंगे और करियर में पद-पदोन्नति के योग बनेंगे। हालांकि, अत्यधिक ऊर्जा के कारण क्रोध और जिद बढ़ सकती है, जिस पर नियंत्रण रखना आवश्यक है।
📍धनु राशि : धनु राशि वालों के लिए, मंगल का गोचर बारहवें भाव (व्यय और विदेश) में होगा। यह गोचर आपको अपने खर्चों पर नियंत्रण रखने की चेतावनी देता है, क्योंकि व्यय में अत्यधिक वृद्धि हो सकती है। विदेश से जुड़े कार्यों या यात्राओं में सफलता मिल सकती है। आपको स्वास्थ्य को लेकर सावधान रहने की आवश्यकता है, विशेषकर रक्त संबंधी समस्याओं या चोट से बचें। इस समय गुप्त शत्रु सक्रिय हो सकते हैं, इसलिए किसी पर भी आँख बंद करके भरोसा न करें। यह समय आपको आध्यात्मिक विषयों में रुचि बढ़ाएगा और लंबी दूरी की यात्राएं संभव हैं।
📍 मकर राशि : मकर राशि वालों के लिए, मंगल का यह गोचर ग्यारहवें भाव (आय और लाभ) में होगा। यह गोचर आपके लिए आर्थिक रूप से अत्यंत शुभ साबित होगा। आपकी आमदनी में जबरदस्त वृद्धि हो सकती है और आय के नए स्रोत बनेंगे। आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अधिक सक्रिय और केंद्रित रहेंगे। कार्यक्षेत्र में वरिष्ठों का सहयोग मिलेगा, जिससे करियर में प्रगति होगी। सामाजिक दायरे और दोस्तों के साथ संबंध मजबूत होंगे। हालांकि, अपनी मेहनत का फल पाने के लिए आपको सक्रियता बनाए रखनी होगी।
📍कुंभ राशि : कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर दसवें भाव (कर्म और करियर) में होगा। यह गोचर आपके करियर और व्यवसाय के लिए उत्कृष्ट समय है। कार्यस्थल पर आपकी मेहनत का पुरस्कार मिलेगा, जिससे पदोन्नति या नई जिम्मेदारी मिलने की प्रबल संभावना है। आपके नेतृत्व कौशल में वृद्धि होगी और आप अपने क्षेत्र में प्रभाव जमाएंगे। आर्थिक स्थिति में स्थिरता आएगी। आपको अपने परिवार और जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा, जो आत्मविश्वास बढ़ाएगा। धैर्य और संयम से काम लेने पर सफलता निश्चित है।
📍मीन राशि : मीन राशि वालों के लिए, मंगल का यह गोचर नवम भाव (भाग्य, धर्म और लंबी यात्रा) में होगा। यह गोचर आपके भाग्य को बल देगा और आपको धार्मिक तथा आध्यात्मिक कार्यों की ओर प्रेरित करेगा। आपको अपने पिता या गुरुजन से सहयोग और मार्गदर्शन मिल सकता है। जो छात्र उच्च शिक्षा या विदेश जाकर पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें सफलता मिलेगी। यह गोचर आपको सकारात्मकता से भरेगा और व्यापार में उन्नति के अवसर दिलाएगा। लंबी दूरी की यात्राएं फलदायी साबित हो सकती हैं, लेकिन किसी भी निवेश या ऋण के मामले में सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
🔎 ज्योतिर्विद रत्न वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 99938 74848
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