कोलकाता | 23 अक्टूबर 2025 : तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा है कि उत्तर बंगाल में आई विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन के बावजूद राज्य को कोई राहत राशि नहीं दी गई, जबकि महाराष्ट्र और कर्नाटक को ₹1,950.80 करोड़ की सहायता दी गई है।
🗣️ सोशल मीडिया पर तीखा बयान
तृणमूल कांग्रेस ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“प्रतिशोधी सरकार ने एक बार फिर बंगाल के लोगों को उनकी जरूरत की घड़ी में छोड़ दिया है। केंद्र ने एक भी रुपया राहत देने से इनकार करते हुए चुप्पी साध ली है।”
पार्टी ने दावा किया कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है, जो 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद से जारी है।

एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि जहां अन्य राज्यों को प्राकृतिक आपदाओं के बाद धनराशि आवंटित की जाती है, वहीं बंगाल को वंचित रखा जाता है और उसे अपने हाल पर छोड़ दिया जाता है।
पार्टी ने पोस्ट में लिखा कि प्रतिशोधी सरकार ने एक बार फिर बंगाल के लोगों को उनकी जरूरत की घड़ी में छोड़ दिया है, जबकि उत्तर बंगाल विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन से जूझ रहा है, जिसने जीवन, घरों और आजीविका को तबाह कर दिया है।
🌊 उत्तर बंगाल में हालात गंभीर
- जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, दार्जिलिंग जैसे जिलों में भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन
- सैकड़ों घर तबाह, हजारों लोग विस्थापित
- राज्य सरकार ने केंद्र से NDRF और SDRF फंड की मांग की थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला
🏛️ केंद्र की राहत नीति पर सवाल
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में महाराष्ट्र और कर्नाटक को ₹1,950.80 करोड़ की राहत राशि स्वीकृत की
- गुजरात, त्रिपुरा और मणिपुर को भी ₹675 करोड़ की सहायता मिली
- लेकिन पश्चिम बंगाल को कोई फंड नहीं मिला, जिससे राजनीतिक पक्षपात के आरोप लगे
टीएमसी ने कहा कि केंद्र सरकार 2021 में बंगाल में हुए अपमान का बदला लेने के लिए संघीय धनराशि का इस्तेमाल हथियार के रूप में कर रही है। केंद्र ने इस साल एसडीआरएफ से 13,603.20 करोड़ रुपए और एनडीआरएफ से 2,189.28 करोड़ रुपए अन्य राज्यों को जारी किए, लेकिन बंगाल इस सूची से स्पष्ट रूप से गायब है। शासन के नाम पर राजनीतिक द्वेष का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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