तीन दिन बाद भुवनेश्वर अस्पताल के मुर्दाघर में बिना सिर के युवक का शव मिला, पूरे इलाके में छाया मातम

मालदा। चेन्नई में पाइप लाइन पर काम करने वाले प्रवासी मजदूर कृष्णा रविदास करीब 5 महीने बाद अपनी बहन की शादी के लिए घर लौट रहे थे। पिछले शुक्रवार को ओडिशा के बालासोर में एक भयानक ट्रेन हादसे में कृष्णा रविदास (23) की मौत हो गई। वह हरिश्चंद्रपुर थाने के मलियूर-1 ग्राम पंचायत के पिपुलतला गांव का निवासी था। कृष्णा के चार भाई और दो बहनें हैं। कृष्णा घर का सबसे छोटा बेटा था। घर में पिता हेमंत रविदास और मां यशोदा रविदास ही रह रहे हैं। खबर के बाद से बेटे की मौत से मां यशोदा रविदास के होश उड़ को बैठी है। परिवार फूट-फूट कर रो रहा है।

मृतक कृष्णा रविदास की मां यशोदा रविदास ने बताया कि ट्रेन हादसे के बाद 3 दिनों तक कृष्णा का कोई पता नहीं चला। हेल्पलाइन पर नहीं मिला सुराग। आखिरकार सोमवार को कृष्णा के बड़े भाई अशोक रविदास को सरकारी सूत्रों से सूचना मिलने पर ओडिशा के भुवनेश्वर अस्पताल के मुर्दाघर में भाई के बिना सिर के शव की शिनाख्त हुई। कपड़ों को देखकर बड़े भाई ने छोटे भाई को पहचान लिया पैंट के जेब में आधार कार्ड भी मिला। मृतक के पिता हेमंत रविदास ने बताया कि उनकी छोटी बेटी की 12 जून को शादी है। कृष्णा अपनी बहन की शादी में शामिल होने घर लौट रहे थे।

कृष्णा ने ट्रेन में चढ़ने से पहले घर फोन किया वह आखिरी बात थी। तीन दिन बीत जाने के बाद बड़े भाई अशोक ने भाई के शव की पहचान उड़ीसा के भुवनेश्वर अस्पताल के मुर्दाघर में की। मंगलवार को जिला प्रशासन की पहल पर सूचना मिली कि कृष्णा का शव विशेष एम्बुलेंस में गाँव घर वापस आ जाएगा। गांव के बेटे की मौत का समाचार क्षेत्र में पहुंचते ही हरिश्चंद्रपुर क्षेत्र में शोक का साया छा गया। खबर मिलते ही क्षेत्र के विधायक व प्रदेश के मंत्री ताजमुल हुसैन कृष्णा के यहां पहुंचे। हर तरह की सरकारी मदद का आश्वासन दिया।

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