ओएमआर में जिन्होंने दो बार बनाया सर्कल, उन्हें गैरकानूनी तरीके से करना होता था नियुक्त

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार की साजिशें धीरे-धीरे बेनकाब होती जा रही हैं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने खुलासा किया है कि कुंतल घोष जिन लोगों से गैरकानूनी शिक्षक नियुक्ति के तौर पर रुपये लेता था उन्हें नियुक्त करने के लिए उत्तर पुस्तिका (ओएमआर) शीट में एक विशेष तरह का कोड रहता था। उत्तर पुस्तिका जांचने वालों से लेकर गैरकानूनी नियुक्ति में शामिल सभी लोगों को यह बात जानकारी रहती थी कि जिन्हें गैरकानूनी तरीके से नियुक्त करना है वे ओएमआर शीट में उत्तर वाले सर्किल में दो बार सर्कल बनाते थे।

जिनके ओएमआर में इस तरह के सर्किल मिलते थे यह पता चल जाता था कि उन्होंने कुंतल घोष को रुपये दिए हैं। यह केवल कुंतल घोष का कोड था। इसके अलावा कई अन्य एजेंट थे जिन्होंने गैरकानूनी नियुक्ति के लिए रुपये लिए थे। हर तरफ से पैसे तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी तक पहुंचाया जाता था और हर किसी का अपना एक अलग कोड होता था। जैसे दूसरे एजेंट के लिए एक कोड था पूरी उत्तर पुस्तिका ब्लैंक रखना।

जिनकी उत्तर पुस्तिका ब्लैंक रहती थी उन्हें देखकर नियुक्तिकर्ता समझ जाते थे कि इसने शिक्षक नियुक्ति के लिए रुपये दिया है और रीडर मशीन में डालकर सर्वर पर नंबर बढ़ाकर उसे शिक्षक के तौर पर नियुक्त कर दिया गया था। ऐसे ही कई और खुलासे सीबीआई ने किया है। केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि इस तमाम जांच रिपोर्ट को कोर्ट में लिखित में पेश किया जाएगा।

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