PoK लेने का मौका था, प्रचार में जुटे पीएम मोदी : ममता

कोलकाता, (Kolkata) : बंगाल विधानसभा (Bengal Assembly) में ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को लेकर सशस्त्र बलों की प्रशंसा वाले प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने कहा कि आतंकवादियों (Terrorists) को सबक सिखाने की जरूरत थी, हम सशस्त्र बलों की बहादुरी को सलाम करते हैं।

पहलगाम हमले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि यह आतंकी हमला केंद्र की लापरवाही का नतीजा है। बीजेपी हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी का भी राजनीतीकरण करने में जुटी है।

विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए ममता बनर्जी ने कहा, मुझे नहीं पता कि हमारी अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में कोई समस्या है या नहीं, लेकिन पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग किए जाने के बजाय उसे आईएमएफ से कर्ज मिला रहा है।

सीएम बनर्जी ने कहा, ममता बनर्जी ने बंगाल विधानसभा में पूछा, पहलगाम में आतंकवादी हमले वाली जगह पर सुरक्षाकर्मी मौजूद क्यों नहीं थे?। बीजेपी की सरकार हमारे देश के लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम रही है और इसलिए उसे सत्ता से बाहर होना चाहिए।

उन्होंने कहा, आतंकवाद का कोई धर्म, जाति या पंथ नहीं होता; हम इसका समर्थन नहीं करते। ममता बनर्जी ने कहा कि भारत के पास पीओके को वापस लेना का मौका था। प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा कि पीएम केवल अपना प्रचार करने में लगे हुए हैं।

  • गुजरात में आतंकवाद पर उठाए सवाल

ममता बनर्जी के इस बयान पर सदन में काफी देर तक हंगामा चलता रहा। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी पर भी ममता बनर्जी ने कहा कि आप झूठ बोलते हैं और कुछ नहीं जानते। आपके जैसे लिमिटलेस नेता मैंने कभी नहीं देखे। ममता बनर्जी ने गुजरात में आतंकी गतिविधियों को लेकर भी सवाल खड़े किए।

उन्होंने कहा कि गुजरात में आतंकवादी कैसे सक्रिय हो जाते हैं? पाकिस्तान से उन्हें कैसे खबरें मिलती हैं? क्या यह खुफिया तंत्र की विफलता नहीं है?

राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों पर राजनीति करना देश के हित में नहीं है। इसमें पारदर्शिता तथा जवाबदेही जरूरी है। मैं ऑपरेशन सिंदूर का सम्मान करती हूं, लेकिन सिंदूर पर राजनीति नहीं सहूंगी। धर्म और परंपरा को राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिश बंद होनी चाहिए।

  • बलिदान देने वाले जवानों को नमन किया

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय सेना और सुरक्षा बलों को सलाम करते हुए कहा कि जो सैनिक देश की सीमाओं पर लड़ रहे हैं, उनके बलिदान को हम कभी नहीं भूल सकते। बंगाल की तरफ से उनका आभार प्रकट करते हैं और उन्हें नमन करते है।

यह प्रस्ताव और उस पर हुई बहस इस बात का संकेत है कि देश की सुरक्षा, आतंकवाद और सेना का सम्मान अब महज मुद्दे नहीं, बल्कि सियासी बहस के केंद्र में हैं। विधानसभा में लाया गया यह प्रस्ताव राजनीतिक दलों के बीच मतभेदों के बावजूद, शौर्य और राष्ट्र सुरक्षा पर एकजुटता की उम्मीद भी जगाता है।

बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने मासूम पर्यटकों को निशाना बनाया था। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पीओके और पाकिस्तान में कम से कम 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूत कर दिया।

इस कार्रवाई से चिढ़े पाकिस्तान ने भारत पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए जिन्हें नाकाम कर दिया गया। 8 घंटे में ही बौखलाया पाकिस्तान रास्ते पर आ गया और सीजफायर की गुहार लगाने लगा।

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