बिहार विधान परिषद चुनाव में विपक्ष पर भारी पड़ा सत्तारूढ़ एनडीए

पटना । विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकार की 24 सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए ने 13 सीटें जीत ली, जबकि राजद को छह सीटें मिलीं। हालांकि कुछ सीटों पर परिणाम की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने सात सीट जीत ली है, जबकि उसकी सहयोगी पार्टी जदयू को पांच सीटें मिली हैं। इसके अलावा कांग्रेस और लोजपा (पारस) ने एक-एक सीट पर जीत का स्वाद चखा है। राजद को छह सीटें मिली हैं। कुछ सीटों पर हालांकि अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

सुबह आठ बजे से ही मतगणना शुरू हो गई और दोपहर तक आधे से अधिक सीटों के रुझान आने लगे। इस चुनाव में नालंदा से जदयू की रीना यादव विजय हुईं तो गोपालगंज से भाजपा के राजीव सिंह मामूली अंतर से विजयी घोषित किए गए। मुजफ्फरपुर से जदयू के दिनेश सिंह एक बार फिर से जीत का सेहरा पहना। सबसे बड़ा उलटफेर वैशाली में देखने को मिला, जहां राजद के सुबोध राय को राष्ट्रीय लोजपा के भूषण राय ने पराजित कर दिया।

इधर, सारण से भाजपा के बागी सच्चिदानंद ने बाजी मार ली। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के संसदीय क्षेत्र मुंगेर (मुंगेर,जमुई शेखपुरा) से जदयू को हार का मुंह देखना पड़ा और यहां से राजद के अजय कुमार सिंह ने बाजी मार ली। अभी तक हालांकि कुछ सीटों पर निर्वाचन आयोग द्वारा आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इस चुनाव में सबसे बड़ा फायदा राजद को हुआ है। उसके पास नेता प्रतिपक्ष का दर्जा आ जाएगा। 75 सदस्यीय सदन में 7 से कम सीटें होने के कारण नेता प्रतिपक्ष का दर्जा राजद के पास नहीं था। अब राजद को यह पद मिल सकता है।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को इन सभी सीटों के लिए मतदान हुआ था। इस चुनाव को लेकर मतदाताओं में उत्साह था, जिस कारण करीब 98 फीसदी से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने मतदान केंद्र पहुंचे थे। गौरतलब है कि मतगणना की प्रक्रियाएं विधानसभा चुनाव से बिल्कुल भिन्न होती हैं। इस चुनाव में सत्ता और विपक्ष दोनो गठबंधनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। इस चुनाव में राजद जहां वामपंथी दलों के साथ चुनावी मैदान में उतरा है, वहीं भाजपा और जदयू साथ में भाग्य आजमा रहे थे। कांग्रेस चुनाव मैदान में अकेले थी।

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