प्रतीकात्मक फोटो, साभार गूगल

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने गरीबों को मुफ्त अनाज देने के लिए कोविड महामारी के दौरान शुरू की गयी योजना को छह महीने बढ़ाकर सितंबर तक जारी रखने का फैसला किया है। यह इस योजना का पांचवां चरण है। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुफ्त राशन योजना के पांचवें चरण में अतिरिक्त 80,000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को छह महीने बढ़ाने का फैसला किया गया। इस योजना का लाभ 80 करोड़ से अधिक लोगों को मिल रहा है। इसके अंतर्गत प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलो अनाज निःशुल्क वितरित किया जा रहा है। योजना की अवधि 31 मार्च को समाप्त हो रही थी, अब इसे आगामी सितंबर तक जारी रखा जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया,“ भारतवर्ष का सामर्थ्य देश के एक-एक नागरिक की शक्ति में समाहित है। इस शक्ति को और मजबूती देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को छह महीने और बढ़ाकर सितंबर 2022 तक जारी रखने का निर्णय लिया है। देश के 80 करोड़ से अधिक लोग पहले की तरह इसका लाभ उठा सकेंगे। ” सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार इस योजना पर चालू वित्त वर्ष के अंत तक कुल 2.60 लाख करोड़ रुपए का व्यय होने का अनुमान है जबकि इस योजना की अवधि बढ़ाये जाने के बाद अब इसके तहत 80,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च होंगे, जिस वजह से अब इस योजना पर 3.40 लाख करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।

विज्ञप्ति के मुताबिक देश के किसी भी हिस्से में लगभग पांच लाख राशन की दुकानों से वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) योजना के तहत किसी भी प्रवासी श्रमिक या लाभार्थी द्वारा पोर्टेबिलिटी के माध्यम से मुफ्त राशन का लाभ उठाया जा सकता है। अभी तक 61 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी लेनदेन ने लाभार्थियों को उनके घरों से दूर रहने पर भी लाभान्वित किया है। उल्लेखनीय है कि यह सरकार द्वारा किसानों को अब तक के सबसे अधिक भुगतान के साथ सदी की सबसे भीषण महामारी के बावजूद अब तक की सबसे अधिक खरीद के कारण संभव हुआ है। कृषि क्षेत्रों में इस रिकॉर्ड उत्पादन के लिए भारतीय किसान (अन्नदाता) बधाई के पात्र हैं।

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