
श्री बदरीनाथ धाम: उत्तराखंड के चमोली जनपद अंतर्गत स्थित भगवान बदरीनाथ मंदिर के कपाट रविवार सुबह छह बजे रवि पुष्य नक्षत्र में वैदिक मंत्रोच्चारण और सेना के बैंड की कर्णप्रिय धुनों के मध्य ग्रीष्मकालीन दर्शनार्थ खुल गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित देश, विदेश से पहुंचे लगभग दस हजार भक्त इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने।
हेलीकॉप्टर से इस मध्य श्रद्वालुओं पर पुष्प वर्षा की गई। मंदिर को गेंदे और ऑर्किड के लगभग पंद्रह कुंतल पुष्पों से सुसज्जित किया गया है। धाम परिसर में जय बदरी विशाल के चहुंओर उद्घोष हो रहे हैं। वर्तमान में मौसम साफ है।
सीएम धामी ने इस दौरान श्रद्धालुओं से मुलाकात कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए।
इससे पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “जय श्री बदरी विशाल। वेदों, पुराणों और संतों की वाणी में बार-बार वर्णित भगवान श्री हरि के भू-बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज विधि-विधान से खोले जा रहे हैं।
श्री बदरीनाथ धाम भक्ति, तपस्या और मोक्ष की भूमि है। यहां हर कण में दिव्यता समाई है और हर शिला पर श्री हरि की छाया है। आप भी इस बार चारधाम यात्रा में देवभूमि उत्तराखंड अवश्य पधारें और आस्था, श्रद्धा और अध्यात्म से परिपूर्ण इस दिव्य अनुभूति का हिस्सा बनें।”
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, “जय श्री बदरी विशाल! चारधामों में से एक, करोड़ों भक्तों की आस्था के केंद्र, भू-बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज वैदिक मंत्रोच्चार की दिव्य ध्वनि के मध्य, पूर्ण विधि-विधान के साथ भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं।
श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो गया है। हमारी सरकार, देश-विदेश से उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम, सुरक्षित एवं सुखद स्मृतियों से परिपूर्ण बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”
गौरतलब है कि इससे पूर्व 2 मई को ही केदारनाथ धाम के कपाट भी पूजा-अर्चना के साथ खोले गए जबकि अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए।
इस प्रकार चारधाम यात्रा अब विधिवत रूप से प्रारंभ हो गई है और श्रद्धालु अगले छह महीनों तक भगवान केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के दर्शन कर सकेंगे।
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