अयोध्या में ढांचा गिराने से से मंदिर के मौजूद होने की सच्चाई सामने आई

कोलकाता : बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को कहा कि बाबरी मस्जिद के नीचे मंदिर के होने की सच्चाई केवल इसलिए सामने आई क्योंकि विवादित ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया था। उन्होंने लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी अभियुक्तों को बरी किए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ‘‘यह हिंदू समुदाय की दूसरी जीत है।’’

भाजपा सांसद ने दावा किया कि ढांचे को गिराने के मामले में मुकदमा एक समुदाय विशेष के तुष्टिकरण और राजनीति बदले के लिए किया गया था। घोष ने कहा, ‘‘वहां ढांचा था लेकिन अगर उसे ध्वस्त नहीं किया जाता तो मंदिर होने का सबूत कभी सामने नहीं आता। दस्तावेजों ने भी वहां मंदिर होने का समर्थन किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इस मुकदमे की बिलकुल जरूरत नहीं थी क्योंकि राम मंदिर का निर्माण पहले ही शुरू हो गया है। शिकायत (बाबरी मस्जिद विध्वंस के बारे में) एक समुदाय के तुष्टिकरण और राजनीतिक बदले के लिए दर्ज कराई गई। आज अदालत का फैसला हिंदू समुदाय की दूसरी जीत है।’’

हालांकि, घोष ने स्पष्ट नहीं किया कि ‘हिंदू समुदाय की पहली जीत’ कौन सी थी, लेकिन माना जा रहा है कि उनका संदर्भ नवंबर 2019 में आया उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर था, जिसने अयोध्या के विवादित स्थान पर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ किया था और सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। उल्लेखनीय है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के करीब 28 साल बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने भाजपा के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी सहित सभी 32 अभियुक्तों को ठोस सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।

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