भारत-पाक के बीच तनाव चरम पर पहुंचा- सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए एडवाइजरी जारी- जम्मू सरकारी मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, उपकरण तैयार रखने के आदेश जारी

भारत-पाक ने सीमा पर तैनाती बढ़ाई- भारतीय सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर- केंद्र सरकार, विपक्ष, जम्मू-कश्मीर सरकार, कश्मीरी आवाम, हम साथ साथ हैं
अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत द्वारा पाक पर किसी सैन्य कार्रवाई या सर्जिकल स्ट्राइक की सुगबुगाहट है- पहलगाम हमले की जवाबी कार्यवाही पर सबकी नजरें- अधिवक्ता के.एस. भावनानी

अधिवक्ता किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर अब दुनिया के हर देश की ऐसी विचारधारा हो गई है कि, भारत अब दम रखता है, वैश्विक निर्णयों में हस्तक्षेप, अर्थव्यवस्था में दखल और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दमक व विकसित देशों में पैठ के चलते पहलगाम हमले ने मानों सोए शेर को जगा दिया है या यूं कहें कि दुश्मन ने मधुमक्खियों के छत्ते में हाथ डाला है तो अंजाम तो भुगतना पड़ेगा ही, हालांकि भारतीय फौज, नेता या विशेषज्ञों ने सीधे तौर पर कोई बयान नहीं दिया है परंतु मेरा मानना है कि बौद्धिक क्षमता में निपुण हर भारतीय अब समझ गया है कि सरकार अब पहलगाम हमले का जबरदस्त जवाब देने के मूड में है, क्योंकि हम देख रहे हैं कि सिंधु नदी जल, वीजा, वाघा बॉर्डर इत्यादि पर सख्त फैसलों के बाद जम्मू के अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों को अलर्ट करना, भारतीय सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर रहना तथा दिनांक 26 अप्रैल 2025 को देर शाम सभी मीडिया चैनलों प्लेटफॉर्मों के लिए एडवाइजरी जारी करना यह किसी बड़ी कार्रवाई की ओर इशारा करता है।

जिस पर पूरा विश्व नजरे जमाए बैठा है। क्योंकि पूरे अंतरराष्ट्रीय जगत ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के पक्ष में पूर्ण समर्थन दिया है। इसीलिए किसी ठोस कार्रवाई की उम्मीद लगाना वाजिब भी है। चूँकि अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत द्वारा पाक पर किसी सैन्य कार्रवाई या सर्जिकल स्ट्राइक की सुगबुगाहट हो रही है। पहलगाम हमले की जवाबी कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हुई है तथा भारत-पाक ने सीमा पर तैनाती बढ़ाई है एवं केंद्र सरकार, विपक्ष, जम्मू कश्मीर सरकार, कश्मीरी आवाम हम साथ साथ हैं, वाली लाइन पर आ गए हैं, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत पाक के बीच तनाव चरम पर पहुंचा, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए एडवाइजरी जारी, जम्मू सरकारी मेडिकल, स्टाफ, दवाइयां, उपकरण तैयार रखने के आदेश जारी।

साथियों बात अगर हम सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए एडवाइजरी जारी करने की करें तो, राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी मीडिया चैनलों, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की है। मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही से संबंधित किसी भी जानकारी का सीधा प्रसारण न किया जाए। दरअसल इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाओं को कवर करने को लेकर मीडिया पर सवाल उठ चुके हैं। ऐसे में प्रसारण मंत्रालय ने पहले ही मीडिया को सतर्क कर दिया है और सलाह दी है। एडवाइजरी में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सभी मीडिया प्लेटफॉर्म, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से अनुरोध है कि वे सुरक्षा संबंधी अभियानों से जुड़े मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय अत्यधिक जिम्मेदारी बरतें। मौजूदा कानूनों और विनियमों का सख्ती से पालन करें।

मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि संवेदनशील जानकारी का असावधानी पूर्वक प्रसारण राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। पुलवामा हमले के दौरान कुछ मीडिया चैनलों द्वारा सुरक्षा बलों की तैनाती और उनके ठिकानों की विस्तृत जानकारी प्रसारित करने पर सवाल उठे थे। विशेषज्ञों और रक्षा विश्लेषकों ने तर्क दिया था कि ऐसी जानकारी आतंकवादी समूहों तक पहुंच सकती है, जिससे सुरक्षा बलों के लिए जोखिम बढ़ जाता है। एडवाइजरी में कारगिल युद्ध, मुंबई आतंकवादी हमले और कंधार विमान अपहरण जैसी पिछली घटनाओं का हलवा दिया गया है। मंत्रालय की यह सलाह इन घटनाओं से सबक लेते हुए उठाया गया कदम माना जा रहा है।

यह दिशानिर्देश न केवल रक्षा अभियानों की गोपनीयता सुनिश्चित करेगा, बल्कि जनता में अनावश्यक भय और अफवाहों को भी रोकेगा। मंत्रालय ने मीडिया से अपील की है कि वे केवल सत्यापित और प्रामाणिक जानकारी ही साझा करें। यह सलाह सोशल मीडिया उपयोग कर्ताओं के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो अक्सर अनजाने में संवेदनशील जानकारी साझा कर देते हैं। मंत्रालय ने सभी से जिम्मेदार और सुरक्षित सूचना प्रसार की अपील की है, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता न हो। देशहित में मीडिया चैनल लाइव कवरेज करते हुए सावधानी बरतें। एडवाइजरी में 8 निर्देश दिए गए हैं।

(1) राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे अत्यंत जिम्मेदारी के साथ काम करें और रक्षा व अन्य सुरक्षा से संबंधित अभियानों की रिपोर्टिंग करते समय मौजूदा कानूनों और नियमों का सख्ती से पालन करें।

(2) विशेष रूप से रक्षा अभियानों या बलों की गतिविधियों से संबंधित किसी भी प्रकार का रियल-टाइम कवरेज, लाइव प्रसारण या सूत्रों पर आधारित जानकारी का प्रकाशन नहीं किया जाना चाहिए। संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा करने से शत्रुतापूर्ण तत्वों को मदद मिल सकती है और इससे अभियानों की प्रभावशीलता और सुरक्षा बलों के कर्मियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

(3) पिछले घटनाक्रमों ने जिम्मेदार रिपोर्टिंग के महत्व को रेखांकित किया है। कारगिल युद्ध, मुंबई आतंकवादी हमले (26/11) और कंधार अपहरण जैसी घटनाओं के दौरान, अनियंत्रित कवरेज का राष्ट्रीय हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था।

(4) मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और पर्सनल यूजर राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कानूनी दायित्वों के अलावा, यह हमारी सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी भी है कि हम अपनी कार्रवाइयों से जारी अभियानों या सुरक्षा बलों की सुरक्षा से समझौता न करें।

(5) सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय पहले ही सभी टीवी चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के नियम 6(1) (p) का पालन करने की सलाह दे चुका है। नियम 6(1) (p) कहता है कि, कोई भी कार्यक्रम केबल सेवा में प्रसारित नहीं किया जाएगा जिसमें किसी भी सुरक्षा बल द्वारा किए जा रहे किसी भी आतंकवाद विरोधी अभियान का लाइव कवरेज शामिल हो, जहां मीडिया कवरेज को केवल सरकार द्वारा नामित अधिकारी द्वारा समय-समय पर ब्रीफिंग तक सीमित रखा जाएगा, जब तक कि ऐसा अभियान समाप्त नहीं हो जाता।

(6) यह ऐसा प्रसारण केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 का उल्लंघन है और इसके तहत कार्रवाई के लिए उत्तरदायी है। इसलिए, सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में किसी भी आतंकवाद विरोधी अभियान और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का लाइव कवरेज न करें। मीडिया कवरेज को सरकार द्वारा नामित अधिकारी द्वारा समय-समय पर की गई ब्रीफिंग तक सीमित किया जा सकता है, जब तक कि अभियान समाप्त न हो जाए।

(7) सभी हितधारकों से अनुरोध है कि वे सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ रिपोर्टिंग जारी रखें, और राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों को बनाए रखें।
(8) यह आदेश मंत्रालय के सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति से जारी किया गया है।

साथियों बात अगर हम पर पहलगाम आतंकी हमले पर दोनों देशों की फौज हाई-अलर्ट पर होने की करें तो, बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाक दोनों की फौजें हाई अलर्ट पर हैं। गुरुवार रात पाक आर्मी ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर स्मॉल आर्म फायरिंग की, जिसका भारतीय सेना ने माकूल जवाब दिया। दूसरी तरफ पूरी रात अलग अलग जगहों पर फायरिंग की आवाज गूंजती रही। भारतीय सेना पूरे एलओसी पर अलर्ट है। सूत्रों के मुताबिक हाई अलर्ट में सभी अहम पदों पर तैनात लोग हर वक्त उपलब्ध रहते हैं। क्विक रिएक्शन टीम का रिस्पॉन्स टाइम कम हो जाता है। यानी कुछ भी होने पर तुरंत उसपर प्रतिक्रिया होता है। सभी असेस्ट्स एकदम रेडी होते हैं।

राशन का रिजर्व स्टॉक 7 से 15 दिन का पूरी तरह सुनिश्चित हो जाता है। यह अलग-अलग यूनिट में अलग-अलग होता है क्योंकि सबकी लोकेशन और भौगोलिक स्थिति अलग होती है। हर यूनिट के पास जितना गोला-बारूद होना चाहिए वह चेक होता है और सुनिश्चित होता है कि संभावित स्थितियों के हिसाब से सभी तैयारी हो, अंतरराष्ट्रीय जगत में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को मजबूती से समर्थन की घोषणा करता लगा हुआ है। इसलिए सर्जिकल स्ट्राइक की सुगबुगाहट बन रही है, हमले की निंदा करने वालों मैं खुद कश्मीर की आम जनता भी शामिल हो गई है, पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है।

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान ने जम्मू क्षेत्र में 200 किलोमीटर लंबी भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के सामने चिनाब रेंजर्स को तैनात किया है। पाकिस्तान की तरफ से सीमा पर तैनाती बढ़ाने के बाद भारतीय सुरक्षा बल भी हाई अलर्ट पर हैं। अधिकारियों ने खुफिया सूचना के आधार पर बताया है कि कश्मीरी पंडित और गैर कश्मीरी आतंकियों के निशाने पर हैं और इसीलिए चप्पे-चप्पे की तलाशी ली जा रही है। इस बीच किसी भी अप्रिय घटना के मद्देनजर जम्मू के अस्पतालों को दवाइयां का स्टॉक तैयार रखने का आदेश दिया गया है।

साथियों बात अगर हम जम्मू के सभी मेडिकल कॉलेजों अस्पतालों, अधिकारियों, स्टाफ को अलर्ट रहने के आदेश देने की करें तो, जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधिकारियों ने मेडिकल स्टाफ को सतर्क रहने और जरूरी दवाइयां और उपकरण तैयार रखने को कहा है। जीएमसीएच जम्मू के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, जम्मू- कश्मीर में मौजूदा सीमा पार तनाव के मद्देनजर सभी स्टाफ सदस्यों को सतर्क रहने और किसी भी समय होने वाली किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है।

आदेश में आगे कहा गया है कि जीएमसीएच के स्टोर ऑफिसर और स्टोर कीपर से अनुरोध है कि वे किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तत्काल उपयोग के लिए सभी आवश्यक आपूर्ति, आपात कालीन दवाएं और महत्वपूर्ण उपकरण तैयार रखें। आदेश में सभी अस्पताल कर्मचारियों को अनावश्यक छुट्टियां ना लेने की सलाह भी दी गई है और उन्हें सक्रिय रूप से ड्यूटी पर रहने को कहा गया है। इसके अलावा जम्मू में आपात स्थिति के मद्देनजर एक 24×7 कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है। यह कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे काम करेगा और किसी भी तत्काल आवश्यकता या आपात स्थिति में यहां संपर्क किया जा सकता है। कंट्रोल रूम से इस नंबर पर संपर्क किया जा सकता है : 0191-2582355 और 0191-2582356 यह जानकारी आदेश में दी गई है।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत-पाक़ के बीच तनाव चरम पर पहुंचा- सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए एडवाइज़री ज़ारी- जम्मू सरकारी मेडिकल, स्टाफ, दवाइयां, उपकरण तैयार रखने के आदेश ज़ारी। भारत-पाक ने सीमा पर तैनाती बढ़ाई- भारतीय सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर- केंद्र सरकार, विपक्ष, जम्मू कश्मीर सरकार, कश्मीरी आवाम, हम साथ-साथ हैं। अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत द्वारा पाक पर किसी सैन्य कार्रवाई या सर्जिकल स्ट्राइक की सुगबुगाहट है- पहलगाम हमले की जवाबी कार्यवाही पर सबकी नजरें लगी।

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)

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