शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार : माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ ईडी ने पेश की चार्जशीट

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आखिरकार चार्जशीट पेश कर दी है। कोलकाता की बैंकशाल कोर्ट में स्थित विशेष सीबीआई कोर्ट में केंद्रीय एजेंसी की ओर से 159 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई है। साथ ही इसमें छह हजार पन्नों के दस्तावेज भी जमा कराए गए हैं। ईडी कोर्ट में इन दस्तावेजों को एक ट्रंक में भरकर ले आई थी जिसे कोर्ट में पेश किया गया है।

बताया गया है कि इसमें माणिक के साथ उनकी पत्नी, बेटा, करीबी तापस मंडल सहित दो संस्थाओं को नामजद किया गया है। गत 10 अक्टूबर को माणिक भट्टाचार्य की गिरफ्तारी हुई थी। कोर्ट ने 60 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करने का आदेश दिया था जिसके मुताबिक बुधवार 59 वें दिन चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। ईडी का कहना है कि इस मामले में पहले से गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के सबसे बड़े सहयोगी के तौर पर माणिक भट्टाचार्य काम कर रहे थे।

राज्य में 42 हजार से अधिक पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर धांधली माणिक भट्टाचार्य के जरिए ही हुई है। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए एक-एक सीट बेचने से लेकर ऐसे लोगों का चयन करना जिनसे मोटी रकम लेकर शिक्षक के तौर पर नियुक्त किया जा सकता है, यह काम पलाशिपाड़ा से विधायक माणिक करते थे। इसके लिए कई बीएड कॉलेजों को उन्होंने अपना जरिया बनाया था। 600 से अधिक ऐसे बीएड कॉलेजों की सूची ईडी ने बनाई है।

जिसमें पढ़ने वाले लोगों को गैरकानूनी तरीके से शिक्षक की नौकरी दी गई। इनमें ऐसे लोग थे जिन्होंने परीक्षा नहीं दी या परीक्षा में केवल एक या दो अंक हासिल किया, लेकिन उनके नंबर बढ़ाकर शिक्षक के तौर पर नियुक्त कर दिया गया। प्रत्येक बीएड कॉलेज में एडमिशन लेने वाले छात्रों से पांच-पांच हजार की वसूली भी माणिक भट्टाचार्य करते थे। उनके बेटे शौविक भट्टाचार्य के नाम पर संस्था बनाई गई थी जिसके जरिए रुपये को रोटेट किया जाता था।

इसीलिए ईडी ने इस मामले में पीएमएलए यानी प्रीवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। माणिक भट्टाचार्य की पत्नी का अकाउंट ऐसे व्यक्ति के साथ जॉइंट खोला गया है जो बहुत पहले मारा जा चुका है। नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया में धांधली और फर्जीवाड़े का इस्तेमाल किया गया। अब इस मामले में चार्जशीट पेश हो गई है तो ट्रायल चलेगा। माणिक फिलहाल जेल में हैं।

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