
भारत का नक्सलियों पर शिकंजा कसने की रणनीति- मिट जाएगा नक्सलवाद का नामोनिशान?
भारत में जिलास्तरीय दबंगों, माफियाओं, सट्टा जुआ किंग्स पर भी रणनीतिक शिकंजा कसने उच्चस्तरीय बैठकें समय की मांग- अधिवक्ता के. एस. भावनानी
अधिवक्ता किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर पूरी दुनिया 24 फरवरी 2022 से रूस-यूक्रेन युद्ध व 7 अक्टूबर 2023 से इजराइल-हमास युद्ध में भयंकर नतीजे किसी न किसी रूप में भुगत रही है व ईरान-इजरायल तनाव के चलते पश्चिम एशिया इस्लामिक देशों सहित पूरी दुनिया चिंताओं में फंसी नजर भी आ रही थी। अगर सभी अंतरराष्ट्रीय मंच मिलकर कोई रणनीतिक एक्शन लेते तो आज बात इतनी गंभीर नहीं होती। परंतु जैसे ही ट्रंप राष्ट्रपति चुने गए इजराइल-हमास का युद्ध विराम हुआ और अब रूस-यूक्रेन के 30 दिनों के युद्ध विराम की तैयारी चल रही है, अर्थात जो मन में ठान लिया जाए वह क्रियान्वयन होता है अभी जैसे हमारे गृहमंत्री ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद, माओवाद जीरो टॉलरेंस नीति का प्रण लिया है उस पर तेजी से काम शुरू है, इसी कड़ी में वे 4-5 अप्रैल 2025 को फिर दंतेवाड़ा समीक्षा करने जा रहे हैं।
ठीक उसी तरह अनेक देशों में घरेलू आतंकवाद, माओवाद, नक्सलवाद लंबे समय से चल रहा है। परंतु मेरा मानना है कि किसी भी देश ने इस तरह के युद्ध, आतंकवाद, हिंसात्मक गतिविधियों को जीरो टॉलरेंस नहीं कर पाया है! जिसका सबसे अधिक दुष्परिणाम आम नागरिकों को ही भुगतना पड़ रहा है, जो वैश्विक स्तर पर या अपने ही देश में राज्य स्तर पर पलायन करते हैं। जिनका स्थाई समाधान ढूंढना आज समय की जरूरत है। आज हम इस विषय पर बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि दिनांक 4-5 अप्रैल 2025 को इसी नक्सलवाद, माओवाद को टारगेट- 2026 रणनीति जीरो टॉलरेंस की समीक्षा के तहत केंद्रीय गृहमंत्री केंद्र व राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी उप राष्ट्रीय सलाहकार केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों सहित अनेको सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।
बता दें पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा छत्तीसगढ़ रायपुर दौरे पर 2026 तक माओवादियों नक्सलवादियों को जीरो टॉलरेंस के लिए नीति की बात कही थी। मेरा मानना है कि नक्सलवाद माओवाद आतंकवाद को जीरो करना है तो उनके साथ आत्मसमर्पण रणनीति पर जोर देना अधिक उचित होगा जो एक रणनीति के तहत शुरू भी है और अनेक आत्मसमर्पण हुए भी हैं, हिंसात्मक कार्रवाई से पुलिस व नक्सलवादियों में आपसी तनाव व दुश्मनी बढ़ रही है। बता दें मैं खुद नक्सल प्रभावित महाराष्ट्र के गोंदिया जिला क्षेत्र से हूं तो मैं देखता हूं कि गांव में गांववासियों व वहां की लोकल दुकानों को सब कुछ मालूम होते हुए भी चुप रहते हैं। दुश्मनी केवल पुलिस व नक्सलियों के बीच ही दिखती है कभी नक्सली मारे जाते हैं तो कभी पुलिस वाले शहीद होते हैं जो दशकों से चला आ रहा है।
अब पैटर्न बदलकर आत्मसमर्पण का जोरदार अभियान चलाना भी शुरू है हालांकि यह अभियान अभी भी तेजी से चल रहा है व हाल ही में सैकड़ो नक्सलवादी आत्मसमर्पण भी किए हैं। परंतु इसे कुशलता से रणनीति बनाकर और अधिक तेजी से चलाने की जरूरत है, चूँकि टारगेट माओवाद – 31 मार्च 2026 भारत में नक्सलवाद जीरो टॉलरेंस नीति शुरू है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, टारगेट माओवाद 2026- भारत में नक्सलवाद जीरो टॉलरेंस नीति अंतिम पड़ाव में- गृहमंत्री का दंतेवाड़ा दौरा 4-5 अप्रैल 2025, भारत का नक्सलियों पर शिकंजा कसने की रणनीति- मिट जाएगा नक्सलवाद का नामोनिशान। मेरा मानना है कि अब जरूरत है, भारत में जिला स्तरीय दबंग माफियाओं सट्टा जुआ किंग्स पर भी रणनीतिक शिकंजा कसने उच्च स्तरीय बैठके समय की मांग है।
साथियों बात अगर हम भारत में टारगेट माओवाद 2026 की करें तो, देश में नक्सली हिंसा को लेकर केंद्र सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। सरकार का लक्ष्य देश को 31 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त करने का है, इसे लेकर गृहमंत्री 4 और 5 अप्रैल को छत्तीसगढ़ का दौरा करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, 5 अप्रैल को गृहमंत्री छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एडवांस पोस्ट पर जाकर नक्सल मुक्त अभियान को लेकर मुआयना करेंगे, इसी के बाद 5 अप्रैल को गृहमंत्री छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के पूर्ण खात्मे के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन की समीक्षा भी करेंगे।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री सहित नक्सलवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रभावित राज्यों के पुलिस के आला अधिकारी, अर्धसैनिक बलों और नक्सलवाद के खात्मे में लगे अधिकारियों के साथ गृहमंत्री बैठक करेंगे। बता दें, छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के होने की सूचना पर 28 मार्च यानी शुक्रवार को डीआरजी और सीआरपीएफ की संयुक्त पुलिस पार्टी नक्सल विरोधी सर्च अभियान में रवाना हुए थे, अभियान के दौरान शनिवार की सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 16 नक्सलियों को ढेर किया है।
सुकमा में नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियान को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट किया, उन्होंने कहा, नक्सलवाद पर एक और प्रहार! हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने सुकमा में एक ऑपरेशन में 16 नक्सलियों को मार गिराया है और भारी मात्रा में स्वचालित हथियार बरामद किए हैं उन्होंने आगे कहा, पीएम के नेतृत्व में हम 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही उन्होंने, हथियार रखने वालों से अपील करते हुए कहा कि हथियार और हिंसा बदलाव नहीं ला सकते हैं, सिर्फ शांति और विकास से ही बदलाव लाया जा सकता है।
बता दें कि सरकार की रणनीति की वजह से वामपंथी उग्रवाद हिंसा 73 प्रतिशत घटे हैं। साल 2010 की तुलना में 2024 में नक्सली हिंसा में मरने वालों की संख्या में 86 प्रतिशत की कमी आई है। सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि नक्सली अब अपनी आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं। साल 2024 में अब तक सशस्त्र वामपंथी उग्रवादियों के खात्मे में सुरक्षा बलों ने अभूतपूर्व भूमिका निभाई है। साल 2024 में अब तक 202 से अधिक वामपंथी उग्रवादियों को मार गिराया गया है, जबकि 723 से अधिक वामपंथी उग्रवादियों ने सरेंडर किया है और 812 से अधिक को अरेस्ट किया गया है।
बयान में कहा गया है कि 2024 में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या में काफी कमी आई है। यह घटकर 38 रह गई है। केंद्र सरकार ने प्रभावित राज्यों के सुदूर क्षेत्रों तक विकास योजनाओं को पहुंचाने के लिए मोबाइल कनेक्टिविटी और सड़क को बढ़ावा देने सहित कई कदम उठाए हैं। राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि पीएम के नेतृत्व और गृह मंत्री के मार्गदर्शन में वामपंथी हिंसा को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। 4 अक्टूबर 2024 को अबूझमाड़ के जंगलों में हुई मुठभेड़ में एक साथ 31 नक्सली मारे गए थे, फिर 28 मार्च 2025 को 16 नक्सलवादी मार गिराए गए। छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन के बाद सुरक्षा बलों के हौसले आसमान पर हैं।
साथियों बात अगर हम 4-5 अप्रैल 2025 को गृहमंत्री के छत्तीसगढ़ दंतेवाड़ा दौरे की करें तो, मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक वे 4 अप्रैल को दंतेवाड़ा जाएंगे। वे वहां बस्तर पंडुम के समापन कार्यक्रम में भाग लेंगे। यह समारोह बस्तर की पारंपरिक संस्कृति और उत्सव का प्रतीक है। इनके दौरे को लेकर तैयारियां जोरों से चल रही है। वे नक्सलियों का एनकाउंटर करने वाले जवानों से भी मुलाकात कर सकते हैं।साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक कर सकते है। चैत्र नवरात्र में मां दंतेश्वरी के दर्शन करने मंदिर भी जा सकते हैं।
उनके सीजी दौरे की और अधिक जानकारी फाइनल शेड्यूल जारी होने के बाद ही यह क्लीयर हो सकेगी। इनके दौरे की तैयारियां दंतेवाड़ा के हाई स्कूल मैदान में चल रही हैं। लोगों के बैठने के लिए लगभग 132 फीट चौड़ा और 332 फीट लंबा विशाल डोम बनाया जा रहा है। वहीं, 72 फीट चौड़ा और करीब 40 फीट लंबा मंच भी तैयार हो रहा है। इसके अलावा 65×300 के 2 और डोम बन रहे हैं, जिसमें स्टॉल लगाए जाएंगे। हाईस्कूल के आसापास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। जवानों के साथ डॉग स्क्वायड की टीम लगातार सर्चिंग कर रही है।
साथियों बात अगर हम 2025 में मुठभेड़ में ढेर नक्सलवादियों के आंकड़ों पर एक नजर डालें तो, 4 जनवरी को अबूझमाड़ के जंगल में हुई मुठभेड़ में 5 नक्सलियों को जवानों ने ढेर किया था। 9 जनवरी को सुकमा- बीजापुर बॉर्डर पर हुई मुठभेड़ में 3 नक्सली ढेर हुए थे। 12 जनवरी को बीजापुर जिले में 5 नक्सली ढेर हुए थे। 16 जनवरी को छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर पुजारी कांकेर में 18 नक्सली मारे गए थे।20-21 जनवरी को गरियाबंद जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें एक करोड़ रुपये का इनामी नक्सली चलपति सहित 16 नक्सली ढेर हुए थे। 1 फरवरी को बीजापुर में 8 नक्सली मारे गए थे। 9 फरवरी को बीजापुर के जंगल में ही 31 नक्सली ढेर हुए हैं। ये इस साल का सबसे बड़ा एनकाउंटर है। 20 मार्च को कांकेर और बीजापुर में 22 नक्सली ढेर हुए हैं। 28 मार्च 2025 को 16 नक्सली ढेर हुए।
साथियों बात अगर हम भारत में मौजूदा नक्सल प्रभावित जिलों की स्थिती की करें तो, सुरक्षाबलों की कार्रवाई के साथ ही नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास को गति देने के लिए विशेष कदम उठाए गए है। इन क्षेत्रों में सड़क और मोबाइल कनेक्टिविटी पर विशेष जोर दिया जा रहा है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 14400 किलोमीटर सड़क निर्माण और लगभग 6000 मोबाइल टावर लगाए जा चुके हैं। नक्सलियों के खिलाफ गृह मंत्रालय राज्यों के साथ बड़ा प्लान तैयार कर रहा है। मीडिया के मुताबिक, जिस तरह से जम्मू- कश्मीर में आतंकी फंडिंग रोकी गई, वैसे ही नक्सलियों को रोकने के लिए बड़ा एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में साल 2010 के मुकाबले 2024 में नक्सल हिंसा में 73 प्रतिशत और मृत्यु में 86 प्रतिशत कमी आई है। इस साल देश में करीब 235 नक्सली मारे गए हैं। 2024 के शुरूआती 9 महीनों में 723 से अधिक नक्सलियों ने सरेंडर किया है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि टारगेट माओवाद 2026 -भारत में नक्सलवाद जीरो टॉलरेंस नीति अंतिम पड़ाव में-गृहमंत्री का दंतेवाड़ा दौरा 4-5 अप्रैल 2025 भारत का नक्सलियों पर शिकंजा कसने की रणनीति- मिट जाएगा नक्सलवाद का नामो निशान? भारत में जिला स्तरीय दबंगों, माफियाओं, सट्टा जुआ किंग्स पर भी रणनीतिक शिकंजा कसने उच्चस्तरीय बैठकें समय की मांग।
(स्पष्टीकरण : उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। यह जरूरी नहीं है कि कोलकाता हिंदी न्यूज डॉट कॉम इससे सहमत हो। इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है।)
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