सौमेन रॉय की रचना : दर्पण

।।दर्पण।। सौमेन रॉय अक्सर वीराने में इंसान तन्हा होता है, सभी जब छोड़कर जाते हैं

सौमेन रॉय की रचना : आस्था

।।आस्था।। वो क्या जाने तुम्हारी कीमत तुम तो हो अनमोल कीमती हो जानते हैं वह