गोपाल नेवार, ‘गणेश’ सलुवा की कविता : जिंदगी का सफर

।।ज़िन्दगी का सफ़र।। गोपाल नेवार, ‘गणेश’ सलुवा आलिशान महल बना लिए हो तो क्या हुआ