डीपी सिंह की रचनाएं

अभी चढ़ी तो नहीं है न! होलिका बिल्कुल न पीना, भाँग वाले दिन कभी गाल

होली गीत : उनकी यादें सताने लगे फागुन में

होली गीत उनकी यादें सताने लगे फागुन में। कोयलिया कुकी डारी पे लगा मुझे तुम

राजीव कुमार झा की कविता : मुलाकात

।।मुलाकात।। राजीव कुमार झा हम दोस्त हैं क्या जरूरत भर एक – दूसरे को जानते

राजीव कुमार झा की कविता : यह धूपभरा तन

यह धूपभरा तन! राजीव कुमार झा धरती पर यह नयी ऋतु जीवन की गति है,

भोजपुरी होली – बितल जाड़ा रजऊ

।।भोजपुरी होली – बितल जाड़ा रज ऊ।। श्याम कुंवर भारती आइल होली बितल अब जाड़ा

डीपी सिंह की कविता : अच्छे दिन कब आएंगे

।।अच्छे दिन कब आएँगे।। राम लला तम्बू से बाहर, भव्य भवन में आये हैं बाबा

डीपी सिंह की रचनाएं

श्याम तन पर विविध रङ्ग – रोली सखी छवि है मनमोहिनी, कितनी भोली सखी सीय

बद्रीनाथ की कविता : “नारी तुम सम्मान हो”

नारी तुम सम्मान हो नारी तुम सम्मान हो हर पुरुष में शक्ति सी विद्धमान हो

रामा श्रीनिवास ‘राज’ की कविता : “जीवन चलता है तो चलने दो”

।।जीवन चलता है तो चलने दो।। रामा श्रीनिवास ‘राज’ यदि जीवन चलता है तो चलने

मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच होली विशेषांक कार्यक्रम सम्पन्न

कोलकाता । मंज़िल ग्रुप साहित्यिक मंच भारतवर्ष की दक्षिणी शाखा मगसम दक्षिण भारत के तत्वाधान