राजीव कुमार झा की कविता : कोलकाता

।।कोलकाता।। राजीव कुमार झा भीड़भाड़ से भरा यह शहर आदमी यहां आकर काफी कुछ देखता

राजीव कुमार झा की कविता – मां

।।मां।। राजीव कुमार झा रोज जिंदगी की छाया को लेकर कर किरणों की मुस्कान समेटे

बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष लेख…

महात्मा बुद्ध का संदेश सारी मानवता के लिए श्रेयस्कर है राजीव कुमार झा, लखीसराय ।