लघुकथा : उलझन

।।उलझन।। राजीव कुमार झा। संदीप के लिए मुंबई शहर का परिवेश आज भी काफी अपरिचित

विनय की लघुकथा : देशद्रोही!

देशद्रोही! विजय चौक पर दो लोग आपस में भिड़ गए। देखते ही देखते वहां भीड़