गुरु को समर्पित सुजाता चौधरी की कविता

मिल जाए गुरु की चरण, मिटे वक्ष के पीर । आए प्रभु आपके शरण, व्याकुल

दीपा ओझा की कविता : “मुझे थकने का अधिकार नहीं”

“मुझे थकने का अधिकार नहीं” मुझे थकने का अधिकार नहीं मेरे सपनों की उड़ान इस

उत्तीर्णा धर की कविता : पत्ते

“पत्ते” प्रथम में हल्का हरे रंग का लाल लाल , जैसे हरियाली में ढल गया

(Father’s Day Special) अभिषेक पाण्डेय की कविता : पापा की बातें

पापा की बातें पापा की बातें फैली रहती हैं पूरे घर में पर इन बातों

दुर्गेश बाजपेयी की कविता : आकांक्षा

आकांक्षा तुम ही हो ज्वाला सी सघन, तुम में हैं मटमैली कलमें, तुम ही तेज

“जात-जात” (भोजपुरी कविता) : हृषीकेश चतुर्वेदी

*जात-जात* बाजत नइखे कवनो झंकार जात-जात, टूटत बाटे दिल के अब तार जात-जात, बिदाई के

प्रमोद तिवारी की कविता : और गलत तू भी नहीं

और गलत तू भी नहीं जानते तुम भी थे, समझता मैं भी था, फिर क्यों