डॉ. आर.बी. दास की रचना : आजकल दिखावे का दौर है!
कोई कहता है धोखा हमें वक्त ने दिया, कोई कहता है धोखा हमें किस्मत ने
श्री गोपाल मिश्र की कविता : गर्भपात
।।गर्भपात।। कुंठा शापित गर्भपात समदर्शिता का दर्शन होता.. जगत, बस इसी सूत्र में गुँथा होता।
विद्रोही कवि काजी नजरुल इस्लाम की कविता का हिंदी अनुवाद
।।विद्रोही।। मूल बांग्ला कविता : काजी नजरूल इस्लाम (हिंदी अनुवाद : श्री गोपाल मिश्र) बोलो
डॉ. आर.बी. दास की रचना
उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूं… ऐ जिंदगी… तेरी हर चाल के लिए मैं, दो
श्री गोपाल मिश्र की रचना : एक घोटाला किरणों का
।।एक घोटाला किरणों का।। ऐ धूप! हे चाँदनी! न लाओ अपने पार्थिव कलह, मेरे दिव्य
डॉ. आर.बी. दास की कविता : बढ़ती उम्र
।।बढ़ती उम्र।। डॉ. आर.बी. दास बढ़ती उम्र खत्म कर देती है लगाव, लोगों से, चीजों
डॉ. आर.बी. दास की कविता
जब झूठे शोर मचाते हैं, तब सच्चे चुप हो जाते हैं, जब सच्चे चुप हो
डॉ. आर.बी. दास की कविता
लोग कहते हैं दुनिया बदल गई है, क्या बदला है दुनियां में…? मिर्ची ने अपना
डॉ. आर.बी. दास की कविता
“खुश रहिए मस्त रहिए” इस जीवन की चादर में, सांसों के ताने बाने हैं, दुःख
डॉ. आर.बी. दास की कविता
।।डॉ. आर.बी. दास की कविता।। टूट जाता है गरीबी में, वो रिश्ता जो खास होता